सोलापुर के टीचर्स ने निकाला नायाब तरीक़ा, वॉल पेंटिंग के ज़रिए पढ़ रहे हैं ग़रीब बच्चे

Abhay Sinha

COVID-19 के चलते देशभर में स्कूल बंद हो गए हैं, जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई-लिखाई प्रभावित हुई है. जो संपन्न परिवारों के बच्चे हैं, वो ऑनलाइन क्लास करके किसी तरह अपनी पढ़ाई जारी रखे हैं. लेकिन इस महामारी का सबसे ज़्यादा ख़ामियाज़ा समाज में हाशिए पर ज़िंदगी गुज़ार रहे लोगों के बच्चों पर पड़ा है, क्योंकि ये पहले ही किसी तरह बमुश्किल अपनी पढ़ाई जारी रख पा रहे थे, लेकिन अब इनके पास स्कूल का भी सहारा नहीं बचा. 

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ऐसे में जिन स्कूली बच्चों की पहुंच में कंप्यूटर, मोबाइल, वाई-फाई कनेक्शन नहीं है, उनकी पढ़ाई कैसे हो, इसके लिए महाराष्ट्र के सोलापुर में एक स्कूल ने बेहद अनूठा प्रयोग किया है. स्कूल ने अपने क्षेत्र में घरों की दीवारों पर ही पेंट करके क़िताबों के पाठों को चित्र के रूप में उकेर दिया. अब इलाके के बच्चे दीवारों पर लगी तस्वीरों को देखकर पढ़ रहे हैं. 

स्कूल ने क्लास 1 से 10 तक के विभिन्न विषयों से जुड़े चैप्टर्स को बेहद आसान तरीके से सोलापुर के नीलमनगर एरिया में विभिन्न घरों की क़रीब 300 बाहरी दीवारों पर पेंट कर दिया है. 

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आशा मराठी विद्यालय के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक राम गायकवाड़ ने बताया कि दीवारों पर इस तरह से पेंट करने से छात्र सोशल डिस्टेसिंग मेनटेन रखते हुए आसानी से दीवारों के सामने खड़े होकर अपने लेसेन रिवाइज़ कर लेते हैं. 

बता दें, आस-पास के एरिया के क़रीब 1,700 छात्र प्राथमिक विद्यालय और उसके माध्यमिक खंड श्री धर्मनाना सादुल प्रशाला में पढ़ते हैं. गायकवाड़ ने कहा कि ये छात्र ग़रीब परिवारों से आते हैं क्योंकि उनके माता-पिता मज़दूर हैं, जिनमें ज़्यादातर जिले की टेक्सटाइल यूनिट्स में काम करते हैं. 

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उन्होंने कहा कि, ‘ऑनलाइन शिक्षा वर्तमान COVID-19 स्थिति में नया मानदंड है, जिसके लिए अच्छे इंटरनेट बैंडविड्थ वाले स्मार्टफ़ोन का होना ज़रूरी है. लेकिन हमारे अधिकांश छात्रों के माता-पिता के पास स्मार्टफ़ोन या कोई अन्य गैजेट नहीं है, इसलिए ऑनलाइन क्लास उनके लिए महज़ एक दूर का सपना है.’ 

ऐसे में स्कूल ने ये तरक़ीब निकाली कि शैक्षिक संस्थान के पास स्थित घरों की दीवारों को ही ओपन क्लास रूम में तब्दील कर दिया. 

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गायकवाड़ ने कहा, ‘हमने नीलमनगर में घरों की दीवारों पर पाठ्य पुस्तकों से सामग्री को सरल, सुगम और दिलचस्प बनाकर चित्रित किया. छात्र अपनी सुविधा के अनुसार और सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन रखते हुए दीवारों के सामने खड़े होकर अपनी पढ़ाई कर पा रहे हैं.’ 

उन्होंने कहा, दीवारों पर सामान्य ज्ञान (GK), गणित से जुड़े आसान समीकरण के अलावा विज्ञान, इतिहास, व्याकरण, समानार्थी शब्द से जुड़ी जानकारियां पेंट की गई हैं. इसके अलावा, जिन बच्चों के पास स्मार्टफ़ोन या अन्य गैजट हैं, उनके लिए स्कूल ऑनलाइन क्लास भी चला रहा है. 

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