सुहाग की उम्र बढ़ाने वाला सिंदूर घटा सकता है महिलाओं की उम्र, इसमें मिलाया जा रहा है हानिकारक ‘लेड’

Rashi Sharma

हिन्दू धर्म में सिन्दूर का बहुत महत्व है. इसका इस्तेमाल पूजा में, तिलक लगाने में और ज़्यादातर हर तरह की पूजा में किया जाता है. इसके अलावा शादीशुदा महिलाओं द्वारा माथे पर सिंदूर लगाना उनके सुहाग की निशानी होता है. हर शुभ कार्य में यूज़ किया जाने वाले इस सिन्दूर में अब हानिकारक कैमिकल होने की बात सामने आयी है.

ytimg

अमेरिका की रिसर्चर्स का दावा है कि भारत और अमेरिका में बिकने वाले सिन्दूर में Lead या लेड या सीसा मिलाया जा रहा है, जो बहुत ही हानिकारक है. सिन्दूर में लेड टेट्रोक्साइड का इस्तेमाल करने की मुख्य वजह इसे सुर्ख लाल रंग देना है.

HT के अनुसार, अमेरिका की ऑर्गनाइजेशन Rutgers School of Public Health के सर्वे, जो American Journal of Public Health में प्रकाशित में किया गया है उसमें इस बात का खुलासा हुआ है. इस ऑर्गनाइजेशन ने अमेरिका और भारत में अलग-अलग दुकानों से सिंदूर के 118 सैंपल इकट्ठे किए थे.

इस रिसर्च में यूज़ किये गए 118 सिंदूर के सैंपल में से 95 सैम्पल्स New Jersey में साउथ एशियन स्टोर्स के थे. जबकि 23 सैंपल मुंबई और दिल्ली से कलेक्ट किये गए थे. रिसर्च में पाया गया कि उनमें करीब 80 फीसदी सेंपल में लेड के अंश पाये गए हैं. करीब एक तिहाई सेंपल तो ऐसे हैं जिनमें लेड की मात्रा अमेरिका के फ़ूड एवं ड्रग्स विभाग के तय मानकों से अधिक है.

New Jersey में Piscataway के Rutgers School of Public Health के स्टडी ऑथर Dr. Derek Shendell के मुताबिक, ‘अगर कोई ऐसा प्रोडक्ट है, जिसमें लेड है, तो वो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. ये सांस लेने और सूंघने से हमारे पर्यावरण में फैल सकता है.’

hindustantimes

रिसर्च में Shendell की टीम ने 83 प्रतिशत अमेरिकी नमूनों और 78 प्रतिशत भारतीय नमूनों के एक ग्राम सिंदूर में 1 माइक्रोग्राम लेड पाया.

Shendell के मुताबिक, ‘लेड का कोई सुरक्षित स्तर नहीं है. ये इंसान के शरीर में नहीं जाना चाहिए और न ही होना चाहिए. खासतौर से 6 साल के कम उम्र के बच्चों में तो बिलकुल भी नहीं. खून में लेड की थोड़ी से भी मात्रा आईक्यू लेवल पर बुरा प्रभाव डाल सकती है. इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि लेड एक्सपोजर के असर को ठीक नहीं किया जा सकता है. इसलिए सबसे ज़रूरी कदम है लेड एक्सपोजर को रोकना.’

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका के फ़ूड एवं ड्रग्स विभाग ने कॉसमेटिक्स में लेड को इस्तेमाल करने के लिए प्रति एक ग्राम में 20 माइक्रोग्राम लेड की अनुमति दी है. मगर रिसर्च में जो सैंपल लिए गए, उनमें से अमेरिका से लिए गए 19 फीसदी और भारत से लिए गए 43 फीसदी सेंपल में मात्रा इससे अधिक थी. अमेरिका से लिए गए 3 और भारत से लिए गए 2 सैंपल में तो लेड की मात्रा प्रति 1 ग्राम 10,000 माइक्रोग्राम से भी ज़्यादा थी.

Feature Image Source: ytimg

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे