‘रामायण’
जब भी आस-पास ‘रामायण’ की बात चलती है, तो बस चंद ही किरदार निकलकर बाहर आते हैं. अगर आज लोगों की ज़ुंबा पर प्रभु राम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान और रावण के बारे में सुनने को मिलता है, तो इसका श्रेय काफ़ी हद तक ‘रामायण’ को ही जाता है. इसके अलावा लोग बहुत कुछ दशरथ, कैकई, भरत और मंथरा के बारे में भी जानते हैं. हांलाकि, इन महत्वपूर्ण किरदारों के अलावा भी ‘रामायण’ अधूरी सी लगती है, क्योंकि इसमें कुछ ऐसे कैरेक्टर्स भी हैं जिनका ज़्यादा ज़िक्र सुनने या पढ़ने को नहीं मिलता है.
आइये इन कैरेक्टर्स पर एक नज़र डाल लेते हैं:
1. बालि
बालि किष्किंधा का राजा और सुग्रीव का बड़ा भाई था, जिसकी शादी वानर वैद्यराज सुषेण की पुत्री तारा के साथ हुई थी. बालि को गदा और मल्ल युद्ध में महारथ हासिल थी. इसके साथ ही उसके सामने रावण की एक भी नहीं चलती थी. बालि के बारे में लिखने और कहने को बहुत कुछ है पर रामायण में ये कैरेक्टर सिर्फ़ चंद देर का क़िस्सा है.
2. शत्रुघ्न
रामायण में भगवान राम के भाई लक्ष्मण और भरत के बारे में बहुत कुछ बताया गया है, पर वहीं शत्रुघन का रोल सीमित रखा गया है. शत्रुघन को लेकर लोगों के मन में बहुत से सवाल हैं, जिनके जवाब रामायण में नहीं हैं.
3. जटायु
जब रावण माता सीता का अपरहण कर ले जा रहा था, तब पक्षीराज जटायू ने उससे युद्ध करके माता सीता को बचाने की कोशिश की थी. हांलाकि, वो उसे रोकने में कामयाब नहीं हो पाये थे. इसके बाद उन्होंने ही भगवान राम और लक्ष्मण को सीता हरण की सूचना दी थी.
4. सबरी
कहते हैं कि भगवान ने सबरी के झूठे बेर खा कर ऊंच-नीच का भेदभाव मिटाया था. इससे ज़्यादा रामायण में सबरी के बारे में और कुछ जानने को नहीं मिलता.
5. कौशल्या, सुमित्रा
कौशल्या और सुमित्रा राजा दशरथ की तीन महारानियों में से थीं. कौशल्या भगवान राम की मां थीं, वहीं सुमित्रा लक्ष्मण और शत्रुघन की. रामायण में कैकई का रोल बड़ा और ज़्यादा था, पर वहीं कौशल्या और सुमित्रा का किरदार छोटा व सीमित था.
6. उर्मिला
जब भगवान राम और देवी सीता वनवास के लिये जा रहे थे, तब भ्राता धर्म निभाते हुए लक्ष्मण भी उनके साथ चले गये. पर इस दौरान उर्मिला किन-किन मुश्किलों से गुज़री रामयण में कहीं पता नहीं चलता है.
7. कुंभकरण
कुंभकरण के बारे में कहा जाता है कि वो 6 महीने में एक बार उठता था और फिर सो जाता है. इसके अलावा उसे एक-दो बार युद्ध करते भी दिखाया जाता है.
8. अंगद
अंगद बालि का बेटा था. अंगद ने रावण को युद्ध न करने की सलाह भी दी थी, पर उसने एक न सुनी और अंत में मारा गया.
रामायण में इन 8 लोगों की अहम भूमिका थी, पर इनका ज़्यादा ज़िक्र कभी हुआ नहीं. शायद यही वजह है कि आज लोगों को इनके बारे में ज़्यादा कुछ नहीं पता है.
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