इस ऑटो ड्राइवर ने अपनी जान पर खेल कर बचाई लड़की की इज़्ज़त, गैंगरेप के लिए किया गया था अपहरण

Akanksha Tiwari

बेंगलुरु के यशवंतपुर में एक मुस्लिम ऑटो ड्राइवर ने बहादुरी का परिचय देते हुए एक लड़की के अपहरण और गैंगरेप की कोशिश को नाकाम कर दिया. दरअसल, 32 साल के असगर पाशा ने शुक्रवार देर रात देखा कि यशवंतपुर स्टेशन के पास कुछ लोग नशे की हालत में एक युवती को ज़बरदस्ती घसीटकर ले जा रहे हैं. इसके बाद पाशा ने होशियारी दिखाते हुए अपने तीन साथियों को मदद के लिए बुलाया, साथ ही उसने तुरंत पुलिस को भी घटना से अवगत कराया.

अपने तीनों साथियों की मदद से पाशा ने युवती की तलाश शुरू कर दी. वहीं घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी कुछ देर बाद घटनास्थल पर पहुंच गई और अलग-अलग टीमें बनाकर लड़की की तलाश में जुट गयी. लड़की को स्टेशन से 200 मीटर की दूरी पर बने एक गोदाम से बरामद कर लिया गया.

मामले में 3 लोगों को गिरफ़्तार भी कर लिया गया है. वारदात का मुख्य आरोपी फयाज़ एक ऑटो ड्राइवर है. बताया जा रहा है कि फयाज़ एक आपराधिक प्रवृति का इंसान है और उसके ऊपर ऐसे कई संगीन आरोप भी लग चुके हैं.

पाशा ने बताया, ‘मैं तीनों आरोपियों को जानता हूं. देर रात मैं अपने ऑटो पर बैठा था, तभी मैंने देखा कि दो लोग पीड़िता के रिश्तेदार को पीट रहे हैं और मुख्य आरोपी फयाज़ लड़की को जबरदस्ती घसीटकर ले जा रहा है. तभी मैंने लड़की को बचाने का निर्यण लिया. वहीं मुझे पता था कि लड़की को बचाने के चक्कर में मेरी जान भी जा सकती है, लेकिन फिर मैंने लड़की को बचाना उचित समझा.’

इस मामले से एक चीज़ तो साफ़ है कि दुनिया का हर ऑटो वाला ग़लत नहीं होता. लेकिन कहते हैं न कि एक गंदी मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है. ख़ैर हमारी तरफ़ से असगर पाशा जैसे बहादुर इंसान को सलाम. ऐसा करके तुमने एक और निर्भया को बचा लिया.

Source : indiatimes

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