जब राम रहीम के भक्तों से लड़ने के बजाए बाकी भाग रहे थे. जंग के मैदान में डटे रहे इंस्पेक्टर अनिल

Sanchita Pathak

शुक्रवार को सीबीआई की स्पेशल अदालत ने डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत को दो साध्वियों के बलात्कार का दोषी पाया था. फ़ैसला आते ही पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कुछ इलाकों में गुरमीत के अनुयायियों ने मौत का तांडव शुरू कर दिया. स्थिति इतनी बिगड़ गई कई इलाकों में धारा 144 लागु करना पड़ा. 30 से ज़्यादा लोग बेमौत मारे गए और 300 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. ये सब एक बलात्कारी के खिलाफ़ न्यायालय के फ़ैसले के कारण हुआ.

शुक्रवार को पंचकुला में मीडिया पर भी हमले किए गए. गुस्साए डेरा के अनुयायीयों ने पुलिस पर भी हमले किए. इनका गुस्सा देखकर कई पुलिस वाले मैदान छोड़कर भाग गए. सशस्त्र सीमा बल, सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस के कई सिपाही रिकॉर्डिंग्स में भागते नज़र आए. लेकिन हरियाणा पुलिस का एक इंस्पेक्टर इन पगलाए लोगों से अकेले भिड़ गया.

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37 वर्षीय अनिल कुमार, एक हेलमेट और एक डंडा लेकर ही गुस्साई भीड़ पर टूट पड़े. इंस्पेक्टर ने डरे एसएसबी के सिपाहियों को उनकी कायरता के लिए डांटते हुए कहा,

‘धिक्कार है तुम लोगों पर. लोग हंसेंगे हम पर, अपने हथियार मुझे दो मैं अकेले ही लड़ूंगा उनसे.’

16,000 की फ़ौज भी डेरा के उपद्रवियों के आगे कुछ नहीं कर पाई. स्थिति काबू से बाहर होने की पूरी आशंका थी, पर फिर भी पुलिस और मिलिट्री ने इसके लिए कुछ भी तैयारी नहीं की थी.

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डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत सिंह को 10 साल की जेल की सज़ा हो गई. राम रहीम लगाना, राम रहीम की बेइज़्ज़ती बराबर है इसीलिये हम सिर्फ़ गुरमीत सिंह ही लिखेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, 10 साल की सज़ा में ही गुरमीत का रो-रो कर बुरा हाल था और वो जेल जाने के लिए किसी भी क़ीमत पर राज़ी नहीं हो रहा था.

Feature Image Source: TOI

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