राजस्थान का ये डॉक्टर दवाई लिखने के साथ देता है हनुमान चालीसा पढ़ने और मंदिर जाने की सलाह

Rashi Sharma

दोस्तों आपने कई बार बॉलीवुड फ़िल्मों में डॉक्टर्स का ये डायलॉग सुना होगा कि ‘अब इनको दवा कि नहीं, दुआओं की ज़रूरत है’… अब केवल भगवान ही कोई चमत्कार कर सकता है’. लेकिन अगर सच में कोई डॉक्टर आपसे आकर ये कहे तो आपको कैसा लगेगा, मरा दावा है कि आप उसकी ये बात सुनकर हैरान ही हो जाएंगे. मगर राजस्थान के भरतपुर में एक डॉक्टर ऐसी हैं जो अपने मरीज़ को पर्चे पर दवाई लिखने के साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए भी कहते हैं.

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इस डॉक्टर का नाम दिनेश शर्मा है और इनकी आयु 69 वर्ष है. डॉ शर्मा मेडिसिन में एमडी हैं और हृदय रोग में शोध कर चुके हैं. ये अपने मरीज़ों को दवाओं के अलावा हनुमान चालीसा पढ़ने और मंदिर जाने की सलाह देते हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर डॉक्टर शर्मा द्वारा लिखे गए प्रिसक्रिप्शन की फ़ोटो वायरल हो रही है. जिसमें आखिर में लिखा, ‘हनुमान चालीसा का पाठ करिए, प्रतिदिन मंदिर में आरती के वक़्त जाइए.’ इसके साथ ही इनके दवाई के हर पर्चे में सबसे ऊपर भी लिखा होता है कि ‘डॉक्टर सिर्फ इलाज करता है. ठीक भगवान करता है’ और बाईं तरफ लिखा है, ‘मंगलवार को पूरी तरह बंद.’

डॉ शर्मा द्वारा लिखी गई जो प्रिसक्रिप्शन स्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है वो शेखर नाम के एक मरीज़ को 13 अक्टूबर कोप प्रिस्क्राइब की गई थी. शेखर, जो एक टीवी मकैनिक है को पेट दर्द की शिकायत थी. डॉ साहब ने पहले तो चार दवाइयों के नाम लिखे उसके बाद पांचवीं दवाई के रूप में उन्होंने प्रतिदिन हुनमान चालीसा का पाठ करने को लिखा.

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डॉक्टर साहब की क्लीनिक भरतपुर के रंजीत नगर इलाके में रेलवे स्टेशन रोड पर स्थित है. वो हफ़्ते में केवल दो दिन ही मरीज़ों को देखते हैं. उनके अधिकांश मरीज़ ग्रामीण क्षेत्रों से हैं, जिनको वो जल्दी ठीक होने के लिए दवाइयों के साथ आध्यात्मिकता को अपनाने की सलाह भी देते हैं. उन्होंने कहा कि ‘हिंदू धर्म में हनुमान जी को संकट मोचक और पीड़ा हरने वाला बताया गया है.’

1998 में रिटायरमेंट लेने से पहले डॉ शर्मा भरतपुर के जिला अस्पताल में सीनियर फ़िजीशियन रह चुके हैं और उन्होंने बताया कि वो मरीज़ों की दिमागी संतुष्टि के लिए ऐसा करते हैं और आध्यात्मिकता से सेहत जल्दी ठीक होती है.”

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ‘उनके पास जो मरीज़ आते हैं वो पहले से ही कई दवाइयां ले चुके होते हैं गांव के डॉक्टर्स से और जब उनको आराम नहीं मिलता है, तो वो मेरे पास आते हैं. उनमें कुछ तो केवल तनाव के कारण ही बीमार हो जाते हैं. इसलिए मैं उनको मंदिर जाने और हनुमान चालीसा का पाठ करने की सलाह देता हूं, ताकि उनका तनाव कम हो और उनको शान्ति.’

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