देश के सबसे बड़े त्यौहार का आगाज़ हो चुका है. 23 मई को अगले 5 साल के लिए जनता की क़िस्मत का नतीजा आएगा.
एक तरफ़ राजनैतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं और दूसरी तरफ़ चुनाव आयुक्त निष्पक्ष चुनाव करवाने की तैयारी कर रहा है. चुनाव आयुक्त इस बार के चुनाव VVPAT (Voter-Verifiable Paper Audit Trail) वाली वोटिंग मशीन से करवाएगा.
मतदाताओं को इस EVM मशीन का प्रयोग समझाने के लिए चुनाव आयुक्त ने नियुक्त किया है 45 वर्षीय मनोज कुमार को. EVM की सुरक्षा के लिए मनोज के साथ एक सिविल डिफ़ेंस वॉलंटियर भी रहता है.
Indian Express कि एक रिपोर्ट के अनुसार, मनोज शिक्षा विभाग में चिट्ठियां पढ़ने और उन्हें अलग-अलग डिपार्टमेंट में आगे बढ़ाने का काम करते थे. मनोज सार्वजनिक स्थानों पर EVM सेट-अप करके मतदान से जुड़े मिथकों को दूर करने की कोशिश करते हैं और लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित करते हैं.
मनोज को चुनाव आयुक्त ने एक हफ़्ते तक EVM चलाने की ट्रेनिंग दी. मनोज को VVPAT Unit में पेपर रोल डालना भी सिखाया गया, जिससे मतदाताओं को वोट डलने का वेरीफ़िकेशन नोट मिलेगा.
हर दिन मनोज रेजिस्टर में एंट्री कर EVM लेकर निकल पड़ते हैं. चुनाव आयुक्त ने उन्हें कार और ड्राइवर दिया है. मनोज बस-अड्डों, रेलवे स्टेशन, मॉल और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मशीन को ले जाते हैं.
Indian Express से बातचीत में मनोज ने बताया,
मशीन को सेटअप करना आसान था. 3 घंटे में पेपर रोल ख़त्म होता है और उसे बदलना पड़ता है. कई बार सिस्टम रिस्टार्ट करना पड़ता है, पर मुझे ये सब करना आ रहा है.
-मनोज कुमार
मनोज अपना काम संयम से करते हैं. उन्होंने बताया,
कई लोग मुझसे कहीं का पता पूछते हैं. ज़्यादातर लोग EVM का इस्तेमाल करने में शर्माते और डरते हैं.
-मनोज कुमार
मनोज हर आने-जाने वाले से EVM का इस्तेमाल करने का आग्रह करते हैं. कुछ लोग EVM में Touchscreen ढूंढते हैं तो कुछ लोग मनोज की पीठ थपथपाते हैं. कुछ बंदे सेल्फ़ी लेने का भी आग्रह करते हैं.
मनोज पर कई बार लोग बिगड़ भी जाते हैं पर उन्हें अपना काम पसंद है.