एक पक्षी के घोंसले को बचाने के लिए तमिल नाडु के इस गांव ने महीनेभर से बंद की हुई है स्ट्रीट लाइट

Abhay Sinha

इंसान अपने पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कर तबाही ला सकता है और संवेदनशीलता से इस दुनिया को बेहद ख़ूबसूरत भी बना सकता है. पर्यावरण और जीवों के प्रति इंसानों की लापरवाही के तो बहुत से मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन आज तमिल नाडु के एक गांव से उनके संरक्षण की दिल छू लेने वाली ख़बर सामने आई है. 

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यहां शिवगंगा जिले के Potthakudi नाम के एक गांव ने एक पक्षी और उसके अंडों को बचाने कि लिए पिछले 40 दिनों से स्ट्रीट लाइट बंद कर रखी है. 

ये है पूरा मामला 

ये तब हुआ, जब गांव के इस इलाके के स्ट्रीट लाइट संचालक Karuppu Raja की नज़र एक छोटी सी चिड़िया पर पड़ी. ये चिड़िया मुख्य स्विचबोर्ड से उड़ रही थी. 

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उसने बताया, ‘मेरा घर सड़क के आख़िर में पड़ता है, जहां 35 स्ट्रीट लाइट के लिए मुख्य स्विच लगा हुआ है. मैं बचपन से ही शाम 6 बजे लाइट ऑन कर देता हूं और सुबह 5 बजे ऑफ़ कर देता हूं. एक दोपहर जब मैं अपने घर से बाहर निकला तो देखा कि स्विचबोर्ड के अंदर और बाहर एक छोटा नीला पक्षी उड़ रहा है. जब पास जाकर देखा तो पता चला कि ये पक्षी अपना घोंसला बना रहा है.’ 

अगले तीन दिनों तक जब भी वो स्ट्रीट लाइट चालू करने जाते तो पक्षी बचने के लिए घोंसला छोड़कर उड़ जाता. लेकिन जब वो तीसरे दिन गए तो उन्होंने देखा कि घोंसले में भूरे रंग के धब्बे वाले तीन छोटे हरे-नीले अंडे रखे हैं. 

राजा इस पक्षी को परेशान नहीं करना चाहता था, पर इसके लिए 100 घरों के बीच पड़ने वाली 35 स्ट्रीट लाइट को ऑन-ऑफ़ करना बंद करना पड़ता. इस बात की जानकारी उसने उस इलाके के रहने वालों को दी. ज़्यादातर लोगों ने इस बात पर ख़ुशी ज़ाहिर की क्योंकि गांव वालों को लगा कि ऐसा करके वो प्रकृति को वापस लौटा पाएंगे. लेकिन कुछ लोग एक छोटी से चिड़िया के लिए इतना बड़ा क़दम उठाने को तैयार नहीं थे. 

चिड़ियों को बचाने के लिए काटी पावर लाइन 

इस बात की जानकारी पंचायत प्रमुखों की दी गई. पहले तो एक चिड़िया के लिए इतने बड़े इलाके की लाइट बंद कर देने की बात पर सबसे हैरानी जताई लेकिन फिर उन्होंने ख़ुद जाकर घोंसले को देखने का फ़ैसला किया. घोंसले को देखने के बाद पंचायत और विरोध करने वाले दोनों का ही दिल पसीज गया. पंचायत की अध्यक्ष एच. कालीश्वरी भी इस मुहिम में शामिल हो गईं. 

तय हुआ है कि स्विचबोर्ड के मेन वायर को काटकर उस पर टेप लगा दिया जाए, ताकि चिड़िया पावर लाइन के कॉन्टैक्ट में न आ जाएं. इसके अलावा पंचायत के मुखिया रात के अंधेरे में निवासियों को सतर्क रहने के लिए बताते रहते हैं. 

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राजा ने बताया कि, ‘पक्षी को अंडे दिए 40 दिन हो चुके हैं और अब तीन स्वस्थ चूज़े हैं, जिनके छोटे-छोटे पर निकलना भी शुरू हो चुके हैं.’ 

पंचायत के प्रमुखों के अनुसार, पक्षियों को घोंसला छोड़ने के बाद ही स्ट्रीट लाइटों की बिजली बहाल की जाएगी. 

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