रोहतांग में बनाई गई अटल सुरंग को देखने की लोगों की होड़ के दुष्परिणाम नज़र आने लगे हैं.
टूरिस्ट आसानी से लाहुल घाटी जाने के लिए अटल सुरंग का इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ टूरिस्ट सुरंग के उत्तरी पोर्टल से लौट रह हैं तो कुछ मंदिर जा रहे हैं और लाहुल घाटी के अन्य दर्शनीय स्थल पहुंच रहे हैं.
Times of India से बात-चीत में स्थानीय निवासी, अमर चंद ने बताया,
मैंने त्रिलोकीनाथ और मृकुला माता मंदिर के बाहर इतनी लंबी लाइन कभी नहीं देखी. मैंने इस ज़िले में ही इतना ट्रैफ़िक जाम कभी नहीं देखा. लोगों को यहां गंदगी करते हुए देखकर बहुत बुरा लगता है. हमें ख़ुशी है कि स्थानीय लोगों की कमाई हो रही है पर बिना किसी प्लानिंग के ये टूरिस्ट्स के आने से लाहूल घाटी पर दुष्प्रभाव पड़ेगा.
टूरिस्ट्स भारी संख्या में पहुंच रहे हैं और अपने पीछे ढेर सारी गंदगी छोड़कर जा रहे हैं. लाहूल में कूड़ा-कर्कट जमा करने का कोई सिस्टम नहीं. अभी 4-5% लोग ही हिमाचल के बाहर से आ रहे हैं, बाक़ी 95% लोग हिमाचल के ही अलग-अलग हिस्सों से लाहुल पहुंच रहे हैं.
टूरिस्ट द्वारा छोड़े गए कूड़े से नदियों को नुकसान पहुंच सकता है इसलिए सिस्सू के पंचायत प्रधान, सुमन ठाकुर ने मनाली के ग्रीन टैक्स कलेक्शन से कुछ फ़ंड्स की मांग की है.
ज़्यादातर लोग अपने साथ पैक्ड खाने की चीज़ें और पानी की बोतलें लाते हैं. खाने-पीने के बाद वो उन्हें ऐसे ही फेंक देते हैं. अगर ऐसा ही चलता रहा तो लाहुल एक डम्पिंग ग्राउंड बन जाएगा. हमें कूड़े को मैनेज करने का सिस्टम चाहिए.
-सुमन ठाकुर
ये न सिर्फ़ बेहद शर्मिंदा होने वाली ख़बर है बल्कि प्रशासन को जल्द ही अपनी नींद तोड़कर कोई क़दम उठाना पड़ेगा वरना लाहूल जल्द ही कूड़ेदान में बदल जाएगा.