ट्रिपल तलाक से मुक्ति पाने के लिए, वाराणसी की मुस्लिम महिलाएं 100 बार पढ़ रही हैं हनुमान चालीसा

Akanksha Tiwari

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र और धर्मनगरी वाराणसी में एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला. वाराणसी के हनुमान मंदिर में बुर्का पहनकर मुस्लिम महिलाओं ने हनुमान चालीसा का पाठ किया. ट्रिपल तलाक के संकट से जूझ रही महिलाओं ने कहा कि ‘वो तीन तलाक से मुक्ति चाहती हैं, इसीलिए हनुमान चालीसा पढ़ रही हैं.’

पतालपुरी मठ में हनुमान चालीसा का आयोजन मुस्लिम महिलाओं द्वारा किया था. 11 मई को सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के मुद्दे पर सुनवाई होनी है. ये सुनवाई 4 दिनों तक चलेगी.

वाराणसी में मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक का विरोध कर रही हैं. मुस्लिम महिला फाउंडेशन ने इसके खिलाफ़ अभियान भी छेड़ रखा है.

मंदिर की मान्यता है कि सकंट के वक़्त 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से सारी मुरादें पूरी हो जाती हैं. कार्यक्रम का आयोजन मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी के नेतृत्व में किया गया. इस कार्यक्रम में RSS नेता इंद्रेश कुमार ने भी शिरकत की. नाज़नीन अंसारी और उनका संगठन बहुत समय से तीन तलाक़ से पीड़ित महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज़ उठा रहा है.

इंद्रेश कुमार ने कहा, ‘समाज की सोच बदलने का समय आ गया है, गलत रीति-रिवाज़ों के खिलाफ़ हमें एकजुट होना पड़ेगा. देश के कोने-कोने में मुस्लिम महिलाएं इस बीमारी से जूझ रही हैं.’

ट्रिपल तलाक का मुद्दा लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है. हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ‘मुस्लिम समाज के लोगों को ख़ुद इस लड़ाई के खिलाफ़ एकजुट होकर आगे आना होगा और इसे राजीनितिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए.’

Source : timesofindia

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे