मुस्लिम देशों पर प्रतिबंध पर जुकरबर्ग ने कहा, ‘गर्व होना चाहिए कि अमेरिका प्रवासियों का देश है’

Bikram Singh

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश की कमान अपने हाथ में ले ली है. राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने एक फैसला लिया, जिसमें उन्होंने 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों पर अमेरिका में आने पर बैन लगा दिया है. ये फैसला उन्होंने देश में बढ़ रहे प्रवासियों और शरणार्थियों की संख्या के कारण लिया. हालांकि, उनके इस फैसले पर कई लोगों ने आपत्ति दर्ज करवाई है.

उनके फैसले की आलोचना करते हुए फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि अमेरिका आव्रजकों का देश है और देश को इस पर गर्व होना चाहिए. जुकरबर्ग ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा ‘आप जैसे कई लोगों की तरह, मैं भी राष्ट्रपति ट्रंप के उन शासकीय आदेशों के प्रभावों को लेकर चिंतित हूं, जिन पर उन्होंने हाल ही में हस्ताक्षर किए हैं. हमें इस देश को सुरक्षित रखने की जरूरत है, लेकिन हमें ऐसा उन लोगों पर ध्यान देकर करना चाहिए जिनसे वाकई में हमें ख़तरा है.

याद रहे कि भूतपूर्व राष्ट्रपति ओबाना ने कहा था कि अमेरिका में टैलेंट्स की कद्र की जाती है. यहां उन सभी लोगों का स्वागत है, जो अमेरिका को महान बनाने का काम कर रहे हैं. ये फर्क नहीं पड़ता कि वो क्वींसलैंड से हैं या कोलकता से.

अपने परिवार को ध्यान में रखते हुए जुकरबर्ग ने लिखा है ‘मेरे परिवार से इतर भी ये मुद्दे व्यक्तिगत हैं. कुछ साल पहले मैं एक स्थानीय मीडिल स्कूल में पढ़ाता था, जहां मेरे सबसे अच्छे विद्यार्थियों में से कुछ के पास दस्तावेज नहीं थे. वे भी हमारा भविष्य हैं. हम आव्रजकों से निर्मित राष्ट्र हैं, और यदि दुनिया भर से आए सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभावान लोग यहां आकर रहते हैं, काम करते हैं और अपना योगदान देते हैं, तो उससे हम सभी को लाभ होता है.’

सुंदर पिचाई ने भी आलोचना की

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादास्पद आव्रजन आदेश की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे प्रतिभाओं को अमेरिका लाने में ‘बाधा’ खड़ी होगी. इसके साथ ही कंपनी ने कामकाजी यात्रा कर रहे अपने कर्मचारियों से अमेरिका लौटने को कहा है.

b’Source: Reuter’

मलाला यूसुफज़ई ने भी नाराज़गी जाहिर की

शांति दूत मलाला यूसुफज़ई ने कहा है कि वह शरणार्थियों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के आदेश से ‘बहुत दुखी’’ हैं. मलाला ने ट्रंप से अनुरोध किया कि वह दुनिया के सबसे असुरक्षित लोगों को अकेला ना छोड़ें.

b’Source: Reuter’

वैश्वीकरण के दौर में में आप अकेले अपना विकास नहीं कर सकते हैं.

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