FIR दर्ज की, रेड डाली. वाह UP पुलिस, एक 5 साल के ‘अपराधी’ को पकड़ने के लिए आपने क्या-क्या कर दिया

J P Gupta

IPC की धारा 326 के बारे में जानते हैं? नहीं, चलिए हम बताए देते हैं. ये धारा ऐसे अपराध में लगाई जाती है, जिसमें किसी व्यक्ति पर हथियार जैसे चाकू आदि से हमला किया गया हो. इसके कारण पीड़ित की जान जाने का ख़तरा हो. ये एक गै़र ज़मानती अपराध है और इसके लिए 10 साल तक की सज़ा हो सकती है.

अब आप सोच रहे होंगे कि हम आपको इस धारा के बारे में क्यों बता रहें? इसकी वजह यूपी पुलिस द्वारा दर्ज किया गया एक आपराधिक मामला है. पुलिस का काम ही है अपराध को ख़त्म करना, लेकिन इस मामले में ये धारा जिस पर लगाई गई है, वो हैरान करने वाला है.

DNA India

दरअसल, यूपी के शामली में पुलिस ने एक 5 साल के बच्चे पर इसी धारा के तहत केस दर्ज किया है. यही नहीं, वो मासूम यूपी पुलिस की निगाहों में इतना ख़तरनाक हो गया कि उसकी तलाश में पुलिस ने कई बार रेड भी डाल दी.

दहशत में है परिवार

इस पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद से ही बच्चा और उसका परिवार दहशत में है. यूपी पुलिस की ये बचकाना हरकत 12 सितंबर को सामने आई.

Navodaya Times

 हुआ क्या था?

शामली के खंदरावली गांव में महिपाल और मनोज नाम के दो व्यक्तियों में ताश के खेल में कहासुनी हो गई. मामला इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच मारपीट की नौबत आ गई. इसके बाद शाम को मनोज ने थाने जाकर महिपाल और अन्य 2 लोगों पर मारपीट और जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज किया.

इसमें उसने एक 5 साल के बच्चे का भी नाम लिखवा दिया, जो उस वक़्त वहीं खड़ा था. यूपी पुलिस ने भी बिना किसी जांच पड़ताल के उस बच्चे का नाम FIR में लिख दिया.

The Hindu

सीएम से मदद की लगाई गुहार

पीड़ित परिवार ने सीएम से मदद की गुहार लगाई है. मामले को गंभीर होते देख आनन-फ़ानन में पुलिस ने FIR से बच्चे का नाम हटा दिया है. वहीं ज़िले के एसपी दिनेश कुमार ने सफ़ाई देते हुए कहा- ‘ये अधिकारियों की गंभीर ग़लती है. कांधला पुलिस स्टेशन, जहां ये FIR लिखी गई है, वहां के जांच अधिकारी अनूप कुमार और अन्य पुलिसकर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. उन्हें एफ़आईआर में बच्चे का नाम लिखने से पहले उसकी उम्र के बारे में पड़ताल करनी चाहिए थी.’

Hindustan

बच्चे के चाचा प्रमोद कुमार ने न्याय की मांग करते हुए कहा- ‘हम उसी शाम FIR से बच्चे के नाम को हटाने के लिए पुलिस अधिकारियों से कहा था. पर उन्होंने हमारी नहीं सुनी, उल्टा बच्चे को पकड़ने के लिए छापे मारे गए. इसलिए हमारा पूरा परिवार पास के एक गांव में रिश्तेदारों के यहां शरण लिए है.’

हद होती है यूपी पुलिस! अपने काम को लेकर कुछ तो गंभीरता दिखाइए.

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