कोरोना वायरस बड़ा ज़ालिम है. दुनियाभर को परेशान कर रखा है. जिधर देखो उधर मास्कमैन घूम रहे हैं. मोहल्ले के अंकल-आंटियां का तो हाल और भी बुरा है. बेचारे पास आकर किसी की बुराई फ़ुसफ़ुसाने वाले ही होते हैं कि मुआ कोरोना याद आ जाता है. प्रेमी जोड़ों की बात तो खैर जाने ही दीजिए. कौन जले पर नमक छिड़के.
कोरोना का रोना, रोने वालों को मोदी जी के बाद बस एक ही का सहारा था, आदरणीय भगवान जी का. लेकिन ये तो गज़ब ही हो गया. भगवान जी तो खुद हई कोरोना से बचने का जुगाड़ कर रहे. बाकायदा मास्क लगाए भक्तों को दर्शन दे रहे. भगवान ने साफ़ कर दिया है, ‘मेरे पास आकर रो जित्ता, झेल लेंगे. लेकिन छुअन-छुआई की कोई दोस्ती नहीं. बात करनी है तो दूर से करो.’
अमा मजाक नहीं कर रहे. सच्ची-मुच्ची. वाराणसी में भगवान शिव कोरोना के मारे मास्क पहने विराजे हैं. दरअसल, वाराणसी के प्रहलाद घाट पर बने प्रह्लादेश्वर मंदिर में शिवलिंग को मास्क से ढंक दिया गया है और मंदिर के बाहर भी पोस्टर लगाकर लोगों को सचेत किया गया. पोस्टर में लिखा है कि मंदिर में आने वाले भक्तों से अपील है कि वो मूर्तियों को न छुएं और फ़िलहाल दूर से ही पूजा करें.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक़, मंदिर के पुजारी कृष्णा आनंद पांडे ने मूर्तियों को मास्क से ढंक दिया है साथ ही लोगों को मूर्ति छूने से भी मना किया है. ताकि कोरोना को फ़ैलने से रोका जा सके.
‘कोरोना वायरस पूरे देश में फ़ैल चुका है. हमने भगवान विश्वनाथ को मास्क से इसलिए ढका है ताकि कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरूक कर सकें. वैसे ही जैसे हम सर्दी में भगवान को कपड़े पहनाते हैं और गर्मी में एसी और फ़ैन का इस्तेमाल करते हैं.’
बता दें, ये कोई पहली बार नहीं है जब इंसानी मुसीबत ने भगवान को भी अपने चपेट में ले लिया हो. इसके पहले नवंबर में भी वायु प्रदूषण से भगवान को बचाने के लिए मास्क पहनाया गया था.
‘देख तेरे भगवान की हालत क्या हो गई इंसान