देश में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पक्की सड़क नहीं बनी है. सरकार द्वारा बनाई गई इतनी सारी योजनाओं के बावजूद आज भी कई क्षेत्र के लोग कच्चे रास्तों से यातायात करने पर मजबूर हैं.
मुश्किल हालात में भी लोगों तक आपातकालीन सुविधाएं नहीं पहुंच पातीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक़ विज़ाग के गांव में एक गर्भवती महिला को 1 किलोमीटर तक टांगकर ले जाना पड़ा क्योंकि ‘108’ ऐम्बुलेंस वहां तक नहीं पहुंच सकती थी.
एक मोटे पेड़ के डाल पर चादर बांधकर झूले जैसा बनाकर, दो पुरुषों ने महिला को टांगकर ऐंबुलेंस तक पहुंचाया
बारिश की वजह से कच्चे रास्ते पर पानी जमा हो गया था और ऐम्बुलेंस का ड्राइवर वैसे रास्ते पर गाड़ी चलाने का रिस्क नहीं ले सकता था.
ऐम्बुलेंस से महिला को प्राइमरी हेल्थ सेंटर तक पहुंचाया गया. महिला ने एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया.
गर्भवती महिलाओं को इस तरह से टांगकर, या गोद में उठाकर प्राथमिक चिकित्सा के लिए पहुंचाने की कई घटनाएं सामने आती रहती हैं. वैसे तो ये इंसानियत की अच्छी मिसालें हैं, पर सरकार की योजनाओं की विफ़लताओं की ओर भी इशारा करते हैं.