‘आप हर किसी को ख़ुश नहीं कर सकते. आप एक लीडर हैं, कोई आइसक्रीम वाले नहीं.’
ये बात स्टीव जॉब्स ने जब कही होगी, उस वक्त उन्हें भारतीय पॉलिटिक्स और भारतीय जनता की जानकारी न रही हो. अभी-अभी आये बजट में कार्यकारी फाइनेंस मिनिस्टर पियूष गोयल ने हर किसी को आइसक्रीम देने की कोशिश की है. सबसे बड़ा स्कूप मिडिल क्लास यानी सर्विस क्लास, उसकी आइसक्रीम में आया है.
5 लाख तक की आय वाले एम्प्लाइज़ को टैक्स से मुक्ति दे कर पियूष गोयल ने कई जवां चेहरों का ग्लो बढ़ा दिया. साल के आख़िर में एक ही दिन में इनकम टैक्स का सार समझने वाली जनता ‘इनकम टैक्स में छूट’ सुन कर थोड़ी बौखला सी गयी.
उनमें हम भी थे. ख़ुश तो हो गए थे कि कुछ तो कम हो रहा है, लेकिन ‘Layman Language’ में समझाने वाला कोई ज्ञानी चाहिए था.
फ़ाइनेंस वाले पंडित को पकड़ा और तमीज़ से थोड़ी बातें समझी:
1. जिनकी इनकम 5 लाख तक है, वो ख़ुश हो लें, उनको टैक्स नहीं देना. लेकिन जिनकी इससे ज़्यादा है, उनके लिए टैक्स के नियम वही रहेंगे.
2. स्टैंडर्ड डिडक्शन, जो कि पहले 40 हज़ार था, उसे बढ़ा कर 50 हज़ार कर दिया है.
यानि अब आपकी टैक्सेबल इनकम अब 10 हज़ार रुपये और कम हो जाएगी. जिसका मतलब ये है कि पहले जो टैक्स आप 60 हज़ार पर देते थे, वो अब 50 हज़ार पर देंगे.
3. नया घर बनवा रहे हैं, तो इसमें भी छूट मिलेगी
इसमें बिल्डर से फ़्लैट ख़रीदना नहीं, ज़मीन पर घर बनाना है.
4. मोटी सैलरी पाने वालों को नुकसान तो नहीं, लेकिन थोड़ा फ़ायदा मिला है. उनका भी टैक्स थोड़ा कम कटेगा. समझ गए?
अब ऑफ़िस में बजट में टैक्स की रियायत का हल्ला मचाता हुआ जो भी घूम रहा है, उसे ये पर्चा पकड़ा देना, शांत बैठ जाएगा.