WhatsApp पर भेजा गया आपका एक मेसेज आपको अरेस्ट करवा सकता है, इसलिए ज़रा संभल कर

Akanksha Thapliyal

आज से 5 साल पहले बाल ठाकरे की मौत के वक़्त दो लड़कियों को गिरफ़्तार किया गया था. इनमें से एक लड़की ने फ़ेसबुक पर ठाकरे की मौत की वजह से मुंबई में लगे जाम पर सवाल उठाया था, एक ने उस स्टेटस को लाइक किया था. इनकी गिरफ़्तारी की वजह बस यही थी. उस समय इस एक्शन की हर तरफ़ निंदा और आलोचना हुई थी. उस समय ये इक्का-दुक्का Cases में से एक था, लेकिन 5 साल बाद Whatsapp पर भेजे गए Forwards या फ़ेसबुक के स्टेटस आपको जेल भिजवा सकते हैं.

जैसे 18 साल के ज़ाकिर त्यागी के साथ हुआ,जब उसने फ़ेसबुक पर लोगों से पूछा कि गंगा को ‘लिविंग एंटिटी’ यानि ‘किसी जीती जागती चीज़ की तरह क्यों माना जाता है’? इस स्टेटस के बाद ही ज़ाकिर को पुलिस उठा ले गयी, उसे 42 दिनों तक प्रताड़ित किया गया और जब तक वो वापस आया, उसकी नौकरी जा चुकी थी.
USChamberFoundation

हिंदी न्यूज़ चैनल आज तक पर ‘So Sorry’ के नाम से एक पोलिटिकल एनीमेशन आता है, जिसमें राजनीतिक मुद्दों को हल्के-फुल्के मनोरंजन के तौर पर दिखाया है. ये वीडियोज़ काफ़ी पसंद की जाती हैं और ये आज तक के सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले वीडियो में से एक हैं. लेकिन ऐसे ही एक वीडियो के कारण मेरठ के एक पत्रकार को IT Act की धारा 66 के तहत बुक किया गया. ये वीडियो PM मोदी का था, जिसमें वो अच्छे दिन के बारे में पूछ रहे हैं, यहां लोगों की जगह गधे थे.

STE

दुनिया के बाकी देशों की तरह भारत में भी फ़्री स्पीच कंडीशंस के साथ आती है. राजनितिक, धार्मिक और समाज के संवेदनशील मुद्दों पर पैनी नज़र रखी जाती है और इनकी अवहेलना IT Act का हनन मानी जाती है. ये बात अलग है कि इस समय माहौल अलग बन गया है.

STE

फ़ेसबुक से अधिक अगर कहीं इसका ज़्यादा असर देख जाता है, तो वो है WhatsApp, इसे इस्तेमाल करने वाले लोगों पर क्राइम सेल और पुलिस आसानी से निगाहें रख सकते हैं. लेकिन ऐसे भी केस हुए हैं, जिनमें लोगों को हार्मलेस मेसेज के लिए हवालात पहुंचाया गया. कई बार लोगों को किसी WhatsApp फॉवर्ड के चक्कर में जेल की सज़ा खानी पड़ी, क्योंकि उनके इनबॉक्स में ये मेसेज थे. हालांकि पुलिस और सरकार, चुनाव के दौरान चलने वाले राजनितिक कार्टून्स पर कोई ख़ास एक्शन नहीं लेते. ये कार्टून्स या वीडियो ज़्यादातर राजनितिक दलों के संज्ञान में ही बनते हैं.

Indian Express

बोलने की आज़ादी का हनन मापने का फ़िलहाल कोई पैमाना नहीं है. किसी भी बात पर, किसी को भी कटघरे में खड़ा किया जा सकता है और ये दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बात है. ‘पद्मावती’ के ख़िलाफ़ प्रोटेस्ट कर रहे लोग जब ये कहते हैं कि दीपिका का सिर काट दिया जाए, तब वो भी वही अपराध कर रहे होते हैं, लेकिन बयार चूंकि उनके फ़ेवर में बह रही है, इसलिए उनसे कोई माफ़ी की उम्मीद नहीं करेगा.

सोशल मीडिया की वजह से होने वाले अरेस्ट की संख्या बढ़ी है और बढ़ती जाएगी, इसमें कोई दोराय नहीं. 

Feature Image Source: AOL

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे