90 के दशक में ‘रेडियो’ ने जिस जगह को बना दिया था मशहूर, आख़िर कहां है वो झुमरी तलैया?

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भारत (India) में आपको अजीबो-ग़रीब नाम वाली कई जगहें मिल जाएंगी. इनमें से कुछ अपने नाम की वजह से बदनाम हो जाती हैं तो कुछ जगहें मशहूर हो जाती हैं. इन्हीं में से एक झुमरी तलैया (Jhumri Telaiya) भी है. ये शहर आज अपने नाम की वजह से देशभर में मशहूर है. 90 के दशक की बॉलीवुड फ़िल्मों में आपने ये नाम ख़ूब सुना होगा. लेकिन इसके मशहूर होने की असल कहानी बेहद दिलचस्प है.

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कहां स्थित है ‘झुमरी तलैया’? 

झारखंड (Jharkhand) के कोडरमा ज़िले में स्थित झुमरी तलैया (Jhumri Telaiya) एक छोटा सा शहर है, लेकिन बेहद मशहूर है. इसे ‘झुमरी तलैया’ के नाम से भी जाना जाता है. कोडरमा ज़िला मुख्यालय से क़रीब 6 किमी दूर स्थित ‘झुमरी तलैया’ की आबादी 90 हज़ार के क़रीब है. इस शहर के स्‍थानीय निवासी ‘खोरठा’ भाषा बोलते हैं.

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90 के दशक में ये छोटा सा क़स्बा झुमरी तलैया (Jhumri Telaiya) आज एक विकसित शहर बन चुका है. आज इस शहर में क़रीब 2 दर्जन स्‍कूल, कॉलेज, पोस्ट ऑफ़िस, बैंक, एटीएम और अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधायें मौजूद हैं. इनमें से एक ‘तलैया सैनिक स्‍कूल’ भी है. ये कोडरमा ज़िले का सबसे विकसित शहर है. झुमरी नाम के छोटे से क़स्बे से ‘झुमरी तलैया’ शहर बनने की कहानी भी दिलचस्प है.  

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कैसे पड़ा ‘झुमरी तलैया’ नाम?  

दरअसल, इस शहर का नाम पहले केवल ‘झुमरी’ हुआ करता था. दामोदर नदी में हर साल आने वाली विनाशकारी बाढ़ को रोकने के लिए साल 1953 में इस क़स्बे में ‘तलैया बांध’ बनाया गया. इसी बांध के कारण इसके नाम के साथ ‘तलैया’ शब्द जुड़ा गया है और ये ‘झुमरी तलैया’ के तौर पर जाना जाने लगा. ‘झुमरी तलैया’ प्राकृतिक रूप से काफ़ी हरा-भरा क्षेत्र होने के कारण ये प्रमुख पिकनिक स्‍थल के तौर पर भी जाना जाता है. 

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भारत में सन 1936 में ‘ऑल इंडिया रेडियो’ की शुरुआत हुई थी. सन 1957 से ये ‘आकाशवाणी’ के रूप में जाना जाता है. भारत में उस समय तक टीवी चैनल और एफ़. एम रेडियो स्टेशन शुरू नहीं हुए थे. इस दौरान ‘आकाशवाणी’ ही लोगों के मनोरंजन का प्रमुख साधन हुआ करता था. 90 के दशक तक भारत में रेडियो काफ़ी मशहूर हो चुका था. इस दौरान ‘विविध भारती’ ‘रेडियो सीलोन’ पर श्रोताओं के लिए फ़िल्मी गानों पर आधारित फ़रमाइशी कार्यक्रम प्रसारित हुआ करते थे. रेडियो के ये प्रोग्राम श्रोताओं को काफ़ी पसंद भी आते थे. इस दौरान श्रोताओं की सबसे अधिक संख्‍या ‘झुमरी तलैया’ से ही होती थी.

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रेडियो ने बनाया ‘झुमरी तलैया’ मशहूर  

‘विविध भारती‘ के फ़रमाइशी प्रोग्राम में सबसे अधिक अनुरोध ‘झुमरी तलैया’ से ही आया करते थे. यहां के रेडियो प्रेमी श्रोता सबसे ज़्यादा चिट्ठियां लिखने के लिए भी जाने जाते थे. क़स्बे के लोग आपस में प्रतियोगिता सी किया करते थे कि एक दिन या महीने में कौन सबसे ज़्यादा अनुरोध करता है. इस दौरान रामेश्वर बर्णवाल और नन्दलाल सिन्हा तो लगभग प्रतिदिन इन कार्यक्रमों में अपना नाम बुलवाने में सफ़ल रहे थे. रेडियो के कारण ही ‘झुमरी तलैया’ का नाम देश भर में मशहूर हुआ था.

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‘ऑल इंडिया रेडियो’ के प्रोग्राम में ‘झुमरी तलैया’ से आख़िरी ख़त लिखने वाले जगन्नाथ साहू जी थे.  

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अगर आपने भी 90 के दशक में ‘विविध भारती’ के फ़िल्मी गानों पर आधारित ये फ़रमाइशी प्रोग्राम सुने हों तो देखा होगा कि देशभर से लोग चिट्ठियां भेजकर अपने पसंद का गाना चलवाने का अनुरोध किया करते थे. रेडियो एनाउंसर गाना चलाने से पहले एक-एक करके फ़रमाइशकर्ताओं के नाम पुकारता था. इस दौरान हर गाने से पहले ‘झुमरी तलैया’ के किसी न किसी एक शख़्स का नाम ज़रूर लिया जाता था.

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बता दें कि आज़ादी के समय से ही ‘झुमरी तलैया’ मूलतः एक खनन क़स्बे के तौर पर जाना जाता है.

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