केन्द्र सरकार किसानों के हित में 3 बिल ला रही है. इन तीन बिल में से दो, Farmer’s Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill, 2020 और The Farmers (Empowerment and Protection) Agreement of Price Assurance and Farm Services Bill, 2020 को लोक सभा और राज्य सभा की मंज़ूरी मिली गई है. अब इन पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होना बाक़ी है.
क्या हैं ये तीन बिल/अध्यादेश?
– Farmer’s Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill, 2020
– The Farmers (Empowerment and Protection) Agreement of Price Assurance and Farm Services Bill, 2020
– The Essential Commodities (Amendment)
Indian Express की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीती 5 जून से किसान इन 3 अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं. ज़्यादातर किसानों की परेशानी पहले बिल से है.
किसान क्यों कर रहे हैं विरोध?
एक रिपोर्ट के अनुसार किसानों को ये आशंका है कि इन बिल्स की के आने के बाद सरकार एमएसपी पर किसानों से सामान नहीं ख़रीदेगी. हालांकि इसके बारे में बिल में कोई जानकारी नहीं है. किसान नेताओं का ये भी मानना है कि सरकार की असली मंशा Food Corporation of India को Restructuring करना है. 2015 में शांता कुमार के नेतृत्व में एक हाई लेवल कमिटी ने अपनी रिपोर्ट जमा की थी और कहा था कि एफ़सीआई के काम का सारा दारोमदार पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को सौंप देना चाहिए.
नेताओं का रवैया
विपक्ष ने इन बिल्स पर ख़ासी आपत्ति जताई है और इसे ‘डेथ वॉरंट’ बताया है. यही नहीं बीते गुरुवार को एसएडी (शिरोमणि अकाली दल) नेता सुखबीर बादल ने लोक सभा में घोषणा करते हुए बताया कि केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत बादल इन बिल के विरोध में इस्तीफ़ा देंगी.