दुनिया भर के वाई-फ़ाई में मिल रही है खामी, लोगों की प्राइवेट जानकारी पर मंडराया खतरा

Vishu

डिजिटल होते ज़माने में हैकर्स नए-नए तरीकों द्वारा लोगों की सिक्योरिटी में सेंध लगाने की कोशिश करते रहते हैं. ताजा जानकारी के मुताबिक जगह-जगह पर इस्तेमाल किए जाने वाले वाई-फ़ाई में ऐसी खामियां सामने आई हैं जिनके चलते आपकी प्राइवेट जानकारी चोरी होने का ख़तरा बढ़ गया है.

साइबर सुरक्षा पर शोध करने वाले रिसर्चर्स का कहना है कि एंड्रॉयड की सुरक्षा खामियों को तलाश कर हैकर्स मोबाइल और वाई-फ़ाई के बीच के ट्रैफ़िक को पढ़ सकते हैं और अगर चाहें तो इसमें बदलाव करने के बाद वेबसाइट में मैलवेयर वायरस भी डाल सकते हैं.

दुनिया में ज़्यादातर वाई-फ़ाई नेटवर्क WPA2 प्रोटोकॉल पर काम करते हैं. भारत में भी इस प्रोटोकॉल पर ही वाई-फ़ाई चलते हैं. ये प्रोटोकॉल मॉडर्न प्रोटेक्टेड वाई-फ़ाई नेटवर्क को सिक्योर करता है. हालिया खुलासे में इसी सिक्योर प्रोटोकॉल में खामी पाई गई है.

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अभी तक ये माना जाता रहा है कि वाई-फ़ाई के जरिए जो सूचना ट्रांसफ़र होती है वो सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड होती हैं. लेकिन ट्रैफ़िक को इंटरसेप्ट कर हैकर्स इस सूचना की जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके लिए एक डिवाइस की ज़रूरत होती है जिसे हैकर्स इस्तेमाल करते हैं और इससे क्रेडिट कार्ड नंबर, पासवर्ड, चैट मैसेज, फ़ोटोज़, ई-मेल और दूसरे तरह के ऑनलाइन कम्यूनिकेशन चोरी किए जा सकते हैं.

रिसर्चर्स ने इस कमी को टेस्ट कर बीते सोमवार को एक ब्लॉग में इसके बारे में लिखा है. उनके मुताबिक, अटैक सभी आधुनिक और सुरक्षित वाई-फ़ाई नेटवर्क पर भी हो सकता है जिसकी चपेट में 41% एंड्रायड डिवाइसेज़ आ सकती हैं. डिवाइस और ऑपरेटिंग सिस्टम के वेंडर सिक्यॉरिटी अपडेट्स पर काम कर रहे हैं.

बेल्जियम में एक रिसर्चर मैथी वैनहॉफ़ और फ़्रैंक पीसेंस ने दावा किया है कि उन्होंने वाई-फ़ाई के सिक्यॉरिटी प्रोटोकॉल WPA2 की एक कमज़ोरी पकड़ी है जिसके ज़रिए पासवर्ड प्रोटेक्टेड वाई-फ़ाई कनेक्शनों पर साइबर अटैक हो सकते हैं या उनसे छेड़छाड़ की जा सकती है. ब्रीच ऑकलैंड से लेकर इलाहाबाद तक सभी जगह खोज कर के यह नतीजा निकला गया है.

साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसा अटैक करना काफी मुश्किल है और प्राइवेट कनेक्शन पर ऐसा होने के चांस बहुत कम हैं. हालांकि, ये कमी काफ़ी गंभीर है और इस पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है. जब तक वेंडर फ़र्मवेयर अपडेट जारी ना कर दें, ग्राहकों को वाई-फ़ाई की जगह LAN का इस्तेमाल करना चाहिए. रिसर्चर्स और ग्लोबल वाई-फ़ाई स्टैंडर्ड सेट करने वाली फ़र्म वाई-फ़ाई ऐलायंस को अब तक इस कमी के ग़लत इस्तेमाल होने के सबूत नहीं मिले हैं.

रिसर्चर्स का मानना है कि इस तरह के अटैक से आप वाई-फ़ाई का पासवर्ड बदल कर भी नहीं बच सकते हैं. लेकिन कंपनियों ने इसे फ़िक्स करना शुरू किया है इसलिए यूजर्स को Router का फ़र्मवेयर अपडेट करना चाहिए.

Source: Telegraph

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