कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में महिला नेतृत्व वाले देशों ने किया बेहतर प्रदर्शन, रिसर्च का दावा

Abhay Sinha

जिन देशों की कमान महिलाओं के हाथों में हैं, उन्होंने पुरुष नेताओं के मुक़ाबले कोविड-19 को बेहतर तरीक़े से हैंडल किया है. यानि कि कोरोना जैसी महामारी से निपटने में वो देश अच्छा काम कर रहे हैं जहां किसी महिला नेता की सरकार है. इस बात का ख़ुलासा एक हालिया अध्ययन में हुआ है.   

ये रिसर्च (जिसकी अभी समीक्षा की जानी है) University of Liverpool की प्रोफ़ेसर Supriya Garikipati और University of Reading की प्रोफ़ेसर Uma Kambhampati द्वारा की गई है. इसमें 194 राष्ट्रों के आंकड़ों पर नज़र डाली और कुल COVID मामलों और 19 मई तक महामारी की पहली तिमाही के समय में हुई मौतों के साथ डिफ़रिंग पॉलिसी रिस्पांस का विश्लेषण किया गया. इस रिसर्च में सामने आया कि महिला नेताओं ने इस महामारी से निपटने में पुरुष नेताओं के मुकाबले बेहतर काम किया है.   

इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए शोधकर्ताओं ने देशों की तुलना करते हुए रॉ डाटा के विश्लेषण करने के लिए उन सभी चीज़ों पर गौर किया, जो इस महामारी से लडाई में प्रभाव डाल सकती हैं. मसलन, उन्होंने जीडीपी, जनसंख्या, शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों की संख्या को देखा. इसके अलावा, उन्होंने प्रति व्यक्ति वार्षिक स्वास्थ्य ख़र्च, इंटरनेशनल ट्रैवल फ़्रेक्वेंसी और उन राष्ट्रों में सोशल जेंडर इक्वेलिटी का भी विश्लेषण किया.  

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पुरुष नेताओं की अगुवाई में अमेरिका, स्पेन, ब्राज़ील और इटली जैसे देशों ने महामारी से निपटने में सबसे ख़राब प्रदर्शन किया. वहीं, दूसरी ओर जर्मनी, न्यूजीलैंड, डेनमार्क जैसे देशों में न सिर्फ़ जल्दी अनलॉक हुए बल्कि पुरुष नेतृत्व वाले देशों की तुलना में यहां कम मौते हुईं.   

प्रोफ़ेसर Supriya Garikipati ने कहा, ‘हमारे परिणामों से ये साफ़ है कि महिला नेताओं ने इस महामारी का मुकाबला करने में ज़्यादा तेज़ी से दिखाई. ये लगभग हर मामले में रहा है. समान परिस्थितियों में उन्होंने पुरुष नेताओं की तुलना में जल्दी लॉकडाउन लगाया. हालांकि, लंबे समय में इसके इकोनॉमिक इम्प्लीकेशन हो सकते हैं, लेकिन निश्चित तौर पर इससे इन देशों में लोगों की जान बचाने में मदद मिली और यहां मौतों की संख्या काफ़ी कम है.’  

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194 में से केवल 16 देशों में महिला नेतृत्व है. ऐसे में शोधकर्ताओं ने पहले बताई गई डेमोग्राफ़िक्स देखने के अलावा उनका प्रदर्शन पता करने के लिए ’निकटतम पड़ोसी’ की तुलना की. प्रोफ़ेसर सुप्रिया ने बताया कि, ‘निकटतम पड़ोसी विश्लेषण स्पष्ट रूप से पुष्टि करता है कि जब महिलाओं के नेतृत्व वाले देशों की तुलना उनके साथ समान विशेषताओं वाले देशों के साथ की जाती है, तो उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया है और यहां नए मामलों के साथ-साथ मौतें भी कम हुईं.’    

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उन्होंने कहा, ‘हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि महिलाओं के नेतृत्व वाले देशों में COVID के परिणाम व्यवस्थित और काफ़ी बेहतर हैं और कुछ हद तक इसे उनके द्वारा अपनाई गई सक्रिय नीति प्रतिक्रियाओं द्वारा समझाया जा सकता है. यहां तक कि इंस्टीट्यूशन कॉन्टेक्सट या बाकी चीज़ों में कंट्रोल की बात की जाए तो भी महिला नेतृत्व होने के नाते इन देशों को वर्तमान महामारी से निपटने में फ़ायदा मिला है.’  

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