बांग्लादेश के शीर्ष अदालत (टॉप कोर्ट) ने एक ऐतिहासिक फ़ैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि विवाह प्रमाण पत्र (मैरिज सर्टिफ़िकेट) में महिलाओं को ख़ुद को ‘वर्जिन’ घोषित नहीं करना होगा. महिला अधिकारों पर काम करने वाली संस्थाओं ने 5 साल लंबी क़ानूनी लड़ाई लड़ी और कोर्ट में जीत हासिल की.
Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, South Asian Countries Muslim Marriage Law के हिसाब से दुल्हन को विवाह प्रमाण पात्र में दिए गए तीन विकल्प, कुमारी(वर्जिन), विधवा या तलाक़शुदा में से किसी एक पर निशान लगाना पड़ता था.
इस ऐतिहासिक फ़ैसले पर सरकार से जुड़े किसी भी व्यक्ति का कोई बयान नहीं आया है.
Reuters को Siddiqua ने बताया,
ये रूलिंग हमें यक़ीन दिलाती है कि हम लड़ सकते हैं और भविष्य में महिलाओं के लिए और बदलाव ला सकते हैं.
हम उम्मीद करते हैं कि बांग्लादेश में इस फ़ैसले का स्वागत हो और महिलाओं के लिए ऐसे ही सकारात्मक बदलाव आते रहें.