लन्दन की मस्जिद में बनाया गया 153 किलो वज़न का समोसा, गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हुआ शामिल

Rashi Sharma

जब भी घर में कोई ख़ास मेहमान आने वाला होता है, तो पहले ही डिसाइड हो जाता है कि उसको समोसा तो खिलाया ही जाएगा. समोसा है ही एक ऐसा व्यंजन जिसे हर कोई पसंद करता है. भारत के अलावा दुनिया में जहां-जहां भी भारतीय रेस्टोरेंट या फ़ूड जॉइंट्स हैं, वहां समोसा तो ज़रूर ही मिल जाता है. अब तो समोसे का नाम ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी में भी आ चुका है.

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पर आज हम जो ख़बर आपको सुनाने जा रहे हैं वो है तो समोसे के बारे में लेकिन आ रही है हज़ारों मील दूर स्थित लन्दन से. जी हां, लन्दन में इन दिनों एक ख़ास समोसा छाया हुआ है. टीवी चैनल हो या न्यूज़पेपर हर जगह केवल इसी समोसे की चर्चा हो रही है.

बीते मंगलवार लन्दन में एक में दुनिया का सबसे बड़ा समोसा बनाया गया और लोगों ने इसे देखा भी. इस समोसे का वज़न 153.1 किलोग्राम यानी (337.5 पाउंड) था.

इसकी खासियत ये है कि इस समोसे को लन्दन स्थित एक मस्जिद में बनाया गया और इसे बनाने के लिए मस्जिद की किचन को एक कंस्ट्रक्शन साइट में तब्दील कर दिया गया था. इस समोसे को बनाने के पीछे एक ख़ास मकसद था. लन्दन में मुस्लिम समुदाय के लोगों की भलाई के लिए काम करने वाले संगठन Muslim Aid Charity Group ने इस विशालकाय समोसे को बनाया.

डेढ़ सौ किलो से ज़्यादा वज़न वाले इस समोसे के निर्माण के दौरान मस्जिद की रसोई में गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के कर्मचारी भी मौजूद थे. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के एक ऑफ़िसर प्रवीण पटेल ने कहा कि इस समोसे को बनाने के दौरान साफ़-सफाई के साथ-साथ सभी नियमों का भी ध्यान रखा गया था. समोसा बनने के बाद जब ऑफ़िसर ने इसका स्वाद चखने के बाद ही इसे दुनिया का सबसे बड़ा समोसा घोषित कर दिया.

Muslim Aid Charity Group के Senior Fundraising Officer, Farid Islam ने बताया कि समोसे को बनाने में 100 किग्रा आलू, 30 किग्रा प्याज, 11 किग्रा मटर और करीब 25 किलो पेस्ट्री सामग्री का उपयोग किया गया था. इसे बनाने के लिए 20 लोगों को इसमें भरने के लिए आलू. प्याज़ और मटर को काटने के काम पर लगाया गया था.

इसकी तैयारी एक महीने पहले से शुरू हो गई थी. जब ये समोसा बनकर तैयार हुआ, तो इसको उठाने के लिए करें का सहारा लिया गया था. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य अलग-अलग समुदायों के लोगों को एक साथ लाना था. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि समोसे का स्वाद चखने के एवज में हुई कमाई को मुस्लिम समाज के लोगों की तरक्की पर खर्च किया जाएगा.

गौरतलब है कि इससे पहले 2012 में इंग्लैंड के ब्रैडफोर्ड कॉलेज में 10.8 किलो का समोसा बनाने का रिकॉर्ड बनाया था. लेकिन इस बार इस समोसे ने ये रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया.

लेकिन आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के महाराजगंज जिले के सिसवा कस्बे के कुछ युवाओं ने साल 2016 में लगातार 12 घंटे के कठिन प्रयास के बाद विश्व का सबसे बड़ा समोसा तैयार किया था, जिसका वज़न 332 किलोग्राम था. इस समोसे ने 2012 में बने सबसे बड़े समोसे का रिकार्ड तोड़ दिया था. मगर कुछ पैरामीटर्स पर खरा न उतर पाने के कारण इसे गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल नहीं किया गया था.

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