पिता बनाते हैं पंक्चर, मां ने सिलाई कर पढ़ाया… बेटे ने जज बन कर किया मां-बाप का नाम रौशन

Abhay Sinha

Allahabad Puncture Mechanic Son Clears UP PCS J Exam: ऐसा अक्सर कहा जाता है कि सिनेमा लोगों पर बुरा प्रभाव डालता है. मगर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की अफ़साना के साथ ऐसा नहीं है. उन्होंने तो एक फ़िल्म से इंस्पायर होकर ना सिर्फ़ गरीबी से लड़ा, बल्क़ि बच्चों को पढ़ा-लिखा कर इस क़ाबिल बना दिया कि उनका बेटा जज बन गया है.

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पिता बनाते हैं पंक्चर, मां ने सिलाई कर पढ़ाया

UP PCS J Success Story: अहद अहमद ने UP PCS-J 2022 की परीक्षा पहले ही प्रयास में पास कर ली है. 30 अगस्त को यूपी में PCS-J के जो नतीजे जारी हुए. उसमें अहद ने 157 वीं रैंक हासिल की. उनकी इस सफ़लता के पीछे उनकी मां का हाथ है, जिन्होंने उन्हें सिलाई कर पढ़ाया और पिता जिन्होंने साइकिल के पंचर बना कर पेट पाला.

अहद अपनी मां अफ़साना, पिता शहज़ाद अहमद के साथ प्रयागराज जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूरी पर बरई हरख गांव में रहते हैं. घर के बगल में ही शहजाद के पिता ने 1985 में साईकिल रिपेयरिंग की दुकान शुरू की थी. शहजाद आज इसी दुकान से अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. पढ़ाई में उनका मन नहीं लगता था और वह 10वीं में फेल हो गए. जिसके बाद उन्होंने पिता से साईकिल रिपेयरिंग का काम सीखा और दुकान पर बैठने लगे.

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हालांकि, उनकी कमाई से घर का पूरा ख़र्चा नहींं निकल सकता था. इसलिए अफ़साना ने भी सिलाई कर हाथ बंटाना शुरू कर दिया.

फ़िल्म देख कर मिली बच्चों को पढ़ाने की प्रेरणा

अफ़साना ने राजेश खन्ना की 1991 में आई फिल्म ‘घर-परिवार’ देखी थी. इस फिल्म में एक अभिनेत्री लोगों के कपड़े सिल कर अपने बच्चों को पढ़ाती है. इस फ़िल्म का उन पर ऐसा असर पड़ा कि उन्होंने ख़ुद सिलाई कर बच्चों को पढ़ाने का फ़ैसला कर लिया.

अफ़साना ने पैसे इकट्ठा करके किसी तरह सिलाई मशीन खरीदी और गांव की ही महिलाओं के कपड़े सिल बच्चों की पढ़ाई का ज़िम्मा उठाया. उनके बड़े बेटे ने पढ़ाई करके प्राइवेट नौकरी ज्वॉइन कर ली. वहीं, अहद ने 8वीं के बाद प्रयागराज जाकर पढ़ने की इच्छा जताई. घर के हालत इतने अच्छे ना होने के बावजूद अफ़साना ने पढ़ाई का महत्व समझते उए उसे प्रयागराज भेजा.

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प्रयागराज मे गवर्नमेंट इंटर कॉलेज से 2012 में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की. जिसके बाद उन्होंने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से बीए किया और यहीं से एलएलबी की डिग्री हासिल की. इसके बाद वे इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी. उन्होंने कोरोना काल में पीसीएस जे की तैयारी शुरू कर दी.

कर्ज़ लेकर अहद को पढ़ाया

यहीं से अहद ने 12वीं तक की पढ़ाई के बाद 2014 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में ‌‌BA LLB का इंट्रेंस दिया. उनका सेलेक्शन भी हो गया, मगर फ़ीस भरने के लिए उनके पास पैसा नहीं था. ऐसे में उनके पेरेंट्स ने अहद को पढ़ाने के लिए कर्ज़ लिया.

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BA LLB करने के बाद अहद ने एक सीनियर के ज़रिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में थोड़ी बहुत प्रैक्टिस शुरू की लेकिन कोविड कोर्ट बंद होने के बाद प्रैक्टिस भी बंद हो गई. इसके बाद से ही अहद ने घर पर रहकर पीसीएस-जे की तैयारी शुरू कर दी. पैसे की तंगी के कारण उन्होंने कोचिंग भी नहीं ली.

30 अगस्त को जब रिज़ल्ट आया तो उनके दोस्त ने फ़ोन कर ख़ुशखबरी दी कि अहद की पीसीएस जे में 157वीं रैंक आई है. अहद ने अपना रिज़ल्ट मां को बताया तो उन्होंने उसे गले लगा लिया. उनकी आंखों से आंसू निकलने लगे. एक मां की बरसों की तपस्या अब सफल हो चुकी थी.

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