Egg Seller Son Cracks IIT: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन पाना भला किस बच्चे का सपना नहीं होता? इसमें एडमिशन पाने के लिए स्टूडेंट्स दिन-रात मेहनत करते हैं. हालांकि, बेहद कम ही लोग होते हैं, जो इसकी एंट्रेस परीक्षा में उतीर्ण हो पाएं.
हाल ही में, बिहार शरीफ़ (Bihar Sharif) के रहने वाले अरबाज़ आलम ने विपरीत परिस्थितियों में JEE एडवांस्ड क्रैक कर ये साबित किया है कि अपने सपनों के लिए अगर कड़ी मेहनत की जाए, तो कुछ भी हासिल करना नामुमकिन नहीं है. आइए आपको इनकी सक्सेस स्टोरी के बारे में बताते हैं.
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पिता बेचते हैं सड़क किनारे अंडे
ये कहानी है बिहार शरीफ़ के रहने वाले अरबाज़ आलम (Arbaaz Alam) की. अरबाज़ सड़क किनारे अंडा बेचने वाले के बेटे हैं. उनके परिवार की आय कुछ ख़ास नहीं है. उनके पिता मुश्किल से एक दिन में 100 रुपए कमाते थे. उनके पिता की ही आय से पूरा घर चलता था. अरबाज़ का सपना इंजीनियर बनने का है. लेकिन उनके परिवार की आय इतनी भी नहीं थी कि वो किसी परीक्षा के लिए पढ़ने के लिए क़िताबें भी ख़रीद सकें.
उधार की किताबों से की पढ़ाई
अरबाज़ ने ठान ली थी कि वो अपने परिवार को ग़रीबी से बाहर निकाल कर ही रहेंगे. इसके बाद उन्होंने भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक JEE एडवांस्ड में बैठने का फ़ैसला किया. वो इस परीक्षा के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करते थे. यही नहीं, उन्होंने रात-रात भर उधार की क़िताबें लेकर परीक्षा की तैयारी की. उनकी इस मेहनत और लगन को पहचाना बिहार के सेलेब्रिटी ट्यूटर आनंद कुमार ने, जोकि वंचित लोगों के लिए कक्षाएं चलाते हैं. उन्होंने अपने इंजीनियरिंग बैच में उनका चयन किया और परीक्षा क्रैक करने में उनकी मदद करते हुए उन्हें मुफ्त शिक्षा, भोजन, आवास और किताबें दीं. यहीं से अरबाज़ की तैयारी को नई दिशा मिली.
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रंग लाई कड़ी मेहनत
अरबाज़ की कड़ी मेहनत और ट्यूशन रंग लाई और उन्होंने JEE की परीक्षा में 67वीं रैंक लाकर सबको हैरान कर दिया. उन्होंने साल 2017 में JEE का एग्ज़ाम दिया और 67वीं रैंक लाकर परिवार का नाम रोशन किया. यही नहीं, सुपर 30 के जिस बैच में अरबाज़ थे, उन सभी ने ये परीक्षा बेहतरीन अंकों से उतीर्ण की थी.