Masala Dosa And Coffee Connection With Chandrayaan-3: 23 अगस्त को भारत के ऐतिहासिक चंद्रयान 3 ने चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी. इस मिशन की सफलता के बाद भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया था.
इस उपलब्धि का सारा श्रेय Indian Space Research Organisation (ISRO) और उसके वैज्ञानिकों को जाता है. मगर क्या आप जानते हैं इसकी सफलता में मसाला डोसा और कॉफ़ी (Masala Dosa And Coffee) का भी बहुत बड़ा हाथ था?
इस मिशन की सक्सेस में इन दोनों फ़ूडस का भीस सीक्रेट योगदान था. हाल ही में इस बात का पता चला है. दरअसल, मिशन से जुड़े इसरो के साइंटिस्ट वेंकटेश्वर शर्मा ने इस बात की जानकारी लोगों से साझा की है.
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उन्होंने बताया कि कैसे मसाला डोसा और फ़िल्टर कॉफ़ी ने मिशन में लगे वैज्ञानिकों को बिना थके काम करने के लिए प्रेरित किया. इस बारे में वेंकटेश्वर शर्मा ने बात करते हुए कहा–’हमने रोज शाम 5 बजे एक मुफ़्त मसाला डोसा और फ़िल्टर कॉफ़ी की पेशकश करके इसे पूरा किया. इसका गहरा असर कर्मचारियों पर पड़ा. इससे वो रोज़ाना अतिरिक्त घंटे काम करने के लिए प्रेरित हुए. हर सदस्य इन दो फ़ूड्स की वजह से देर रात तक काम करने के लिए प्रेरित हुए.’
Chandrayaan-3 एक बहुत ही जटिल टास्क था. ऊपर से लोगों को कोई वित्तीय प्रोत्साहन भी नहीं मिल रहा था. फ़्री मसाला डोसा और कॉफ़ी ने तब लोगों को राहत देने का काम किया.
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चंद्रयान-3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण इसरो के यूट्यूब चैनल, फ़ेसबुक और DD National TV पर किया गया था. इसे करोड़ों लोगों ने देखा था. ये अपने आप में ही एक रिकॉर्ड था.
इस मिशन को सिर्फ़ 615 करोड़ रुपये के बजट के भीतर ही सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था. जबकि Chandrayaan-2 मिशन की लागत 978 करोड़ रुपये थी. ये भी इसरो की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. फ़िलहाल चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान चांद की सतह की जांच कर उसके रहस्यों से पर्दा उठाने में ISRO की मदद कर रहा है.