चांद पर Chandrayaan-3 ने 615 करोड़ रुपए में की लैंडिंग, जानिए सूरज तक पहुंचने में आएगा कितना खर्च

Vidushi

ISRO Sun Mission Budget : चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन की सफ़लता के साथ अब इसरो (ISRO) एक नए मिशन की तैयारी में जुट गया है. मिली जानकारी के अनुसार, इसरो अब चांद पर सफ़लतापूर्वक पहुंचने के बाद अब सूरज पर जाने की तैयारी कर रहा है. कहा जा रहा है कि 2 सितंबर को भारत के सूर्य मिशन की लॉन्चिंग होगी. इसरो ने अपने सन मिशन का नाम ‘आदित्य एल1’ (Aditya-L1) रखा है. चंद्रयान-3 की सफ़लता के बाद उसके बजट ने दुनियाभर में लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा था. चंद्रयान 3 का बजट सिर्फ़ 615 करोड़ रुपए आया था.

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ऐसे में अब सबकी नज़रें सूर्य मिशन पर टिकी हुई हैं. इसरो ने अपने सूर्य मिशन के बजट को लेकर भी जानकारी दी है. आइए इसके बारे में आपको बताते हैं. (ISRO Sun Mission Budget)

कितना है सूर्य मिशन का बजट?

साल 2008 में सबसे पहले इसरो ने सूर्य मिशन के बारे में पूरा प्लान बनाया था, लेकिन उस दौरान उनके पास इसको अमल में लाने के लिए पर्याप्त बजट नहीं था. इस वजह से ये मिशन रोक दिया गया था. लेकिन अब चंद्रयान मिशन की सफ़लता के बाद सूर्य मिशन के रास्ते खुल गए हैं. इसरो ने इस मिशन की लॉन्चिंग को छोड़कर इसका बजट 378.53 करोड़ रुपए रखा है. लॉन्चिंग का अलग से खर्च आएगा. अगर चंद्रयान-3 के बजट से इसकी तुलना की जाए, तो ये उसका आधे से भी कम खर्च है.

क्या है सूर्य मिशन?

मिशन ‘आदित्य एल1′ का एल1 लंग्रेज़ पॉइंट को दर्शाता है. ये धरती और सूरज के दो महत्वपूर्ण पॉइंट्स में से एक है. इस मिशन का टारगेट इसी पॉइंट पर पहुंचना है. अंतरिक्ष में आदित्य एल-1 जिस स्थान पर जाएगा वो स्थान पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसलिए इसे पहुंचने में 109 दिन लग सकते हैं. इसके अलावा इसका मकसद सूर्य के बारे में अलग-अलग तमाम तरह की जानकारियों को इकठ्ठा करना है. अगर ये मिशन सफ़ल होता है तो भारत अंतरिक्ष में इतिहास रच देगा.

कितना सस्ता है भारत का मून मिशन?

23 अगस्त 2023 को इसरो ने चंद्रयान-3 की चांद पर सफ़ल लैंडिंग कराकर इतिहास रच दिया था. इसके बाद भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया है. साथ ही भारत चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया था. आपको बता दें कि इसरो का चंद्रयान 3 दुनिया का सबसे सस्ता चांद मिशन है. चंद्रयान 3 को चांद तक पहुंचाने का खर्च एक हॉलीवुड मूवी से भी कम है. आपको बता दें अमेरिका के मून मिशन का बजट 8.3 लाख करोड़ रुपए था. वहीं, चीन का मून मिशन का बजट 1365 करोड़ रुपए था. वहीं, रूस के लूना 25 (Luna 25) का बजट 1650 करोड़ रुपए था.

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