Success Story: 8000 रुपए थी घर की कमाई, फिर मजदूर की बेटी ने NEET क्रैक कर यूं लिखी सफ़लता की कहानी

Vidushi

Laborer’s Daughter Cracked NEET: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट यानि NEET को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक कहा जाता है. लेकिन एक लड़की ने विपरीत आर्थिक स्थिति के बावजूद सभी बाधाओं को पार करते हुए ये परीक्षा क्रैक की है. हम बात कर रहे हैं चारुल होनारिया की, जिनकी NEET सक्सेस स्टोरी किसी इंस्पिरेशन से कम नहीं है.

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उत्तर प्रदेश से हैं चारुल

चारुल होनारिया (Charul Honariya) उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के करतारपुर गांव से हैं. उनके पिता एक छोटे से किसान हैं, जो अपने परिवार को पालने के लिए दिन-रात एक करके मेहनत करते हैं. चारुल के पिता पूरे साल कड़ा संघर्ष करते थे और अपनी छोटी सी ज़मीन पर खेती करते थे. साथ ही वो दूसरे खेतों में बतौर मजदूर की तरह भी काम करते थे. हर महीने की 8000 रुपए फ़ैमिली इनकम के साथ चारुल के पिता के लिए 7 लोगों का परिवार संभालना काफ़ी कठिन हो जाता था. हालांकि, इस 18 साल की लड़की ने इन परिस्थितियों में भी डॉक्टर बनने का अपना बचपन का सपना नहीं जाने दिया और अपने गोल को अचीव करने के लिए काफ़ी मेहनत की.

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ऐसे की परीक्षा की तैयारी

चारुल अंग्रेज़ी में काफ़ी कमज़ोर थीं, इसलिए उन्होंने इस भाषा को निखारने के लिए कक्षा 6 से ही प्रयास करना शुरू कर दिया. इसके बाद उन्होंने शिक्षा के प्रति अपने जुनून को देखते हुए 10वीं कक्षा से ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET की तैयारी शुरू कर दी. उनकी फ़ैमिली के पास प्राइवेट कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई किया और NEET के टॉप कोचिंग सेंटर में एंट्री ली. दो साल तक तैयारी करने के बाद, चारुल ने 12वीं का एग्ज़ाम 93 परसेंटेज से पास किया और अपने जिले की टॉपर्स में से एक रहीं. हालांकि, उनकी निगाह NEET क्रैक करने और देश के टॉप मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली के AIIMS में पढ़ने पर थी.

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पहली बार में नहीं थीं स्कोर से संतुष्ट

चारुल ने पहली बार 2019 में एग्ज़ाम दिया, लेकिन रिज़ल्ट आने के बाद वो अपने स्कोर से संतुष्ट नहीं थीं. दूसरे प्रयास में वो NEET 2020 में टॉपर्स में से एक थीं. 720 में से 680 अंक पाने के बाद चारुल की ऑल इंडिया रैंक 631 आई. जिसके बाद उनका AIIMS नई दिल्ली में दाखिला हो गया और अब वो जल्द ही डॉक्टर बनेंगी.

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