This Village In India Makes Official Indian Flags Tiranga: 77वां स्वतंत्रता दिवस का उत्सव हर जगह जोरों-शोरों से चल रहा है. हर जगह आपको तिरंगा लहराता हुआ दिख रहा होगा. वैसे तो भारत में कई जगहों पर तिरंगे का उत्पादन होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में ओफ़िशियल तरीके से कहां झंडा बनाया जाता है. Beaure of Indian Standards (BIS) द्वारा मान्यता प्राप्त केवल कर्नाटक जिले में हुबली की इकाई को है. चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से बताते हैं उस गांव का नाम और तिरंगा बनाने की कहानी.
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आइए बताते हैं आपको उस गांव के बारे में जो आधिकारिक तौर पर भारतीय तिरंगा बनाते है-
चाहे स्कूल हो या फिर या फिर कोई स्मारक या घर, हर जगह झंडा फहराया जाता है. लेकिन लाल किला, इंडिया गेट, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री ऑफिस, डिफेंस फ़ोर्स ऑफिस, सरकारी बिल्डिंग, बड़े राजनेता की गाड़ियों पर लगे इन झंडों का उत्पादन कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ (KKGSS) करती है. जो हुबली जिले के बेंगेरी गांव में स्थित है.
KKGSS भारतीय झंडों की एक मात्र आधिकारिक इकाई है, जिनको चलाने वाली अधिकतर महिलाएं हैं. साथ ही KKGSS एक संस्थान भी चलाता है, जहां छात्रों को टेक्सटाइल केमिस्ट्री के बारे में पढ़ाते हैं. वैसे तो पूरे साल ये इकाई झंडा बनाते हैं, लेकिन गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर इनके पास इतने ऑर्डर आते हैं कि, सब लोग दिन-रात काम करते हैं.
तिरंगों को बनाने की प्रक्रिया भी बहुत ख़ास होती है. पहले कपड़े को तिरंगे के रंग में डाई किया जाता है. झंडों के 9 अलग-अलग आकारों में काटा जाता है, बाद में ऑर्डर के आधार पर झंडे को पूरे देश में भेजा जाता है.
इस इकाई की मैनेजर का नाम अन्नापुरा डोडामणि है और वो बताती हैं कि इस प्रक्रिया में ज़्यादा से ज़्यादा महिलाएं करती हैं. उनका कहना है, “स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के दौरान हमें बड़ी संख्या में ऑर्डर मिलना स्वाभाविक है. झंडे की कटिंग और सिलने से लेकर उसे पैक करने तक का ज़्यादातर काम यूनिट की महिलाएं ही करती हैं. हमारी टीम में लगभग 95% महिलाएं हैं और यहां कुछ पुरुष भी काम करते हैं.”
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