पिता जज, बड़े भाई जज...अब रक्षाबंधन पर छोटे भाई-बहन की जोड़ी ने भी जज बनकर घरवालों को दिया तोहफ़ा

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UPPCS J 2022 Result Brother and Sister: रक्षाबंधन (Rakshabandhan 2023) का त्यौहार सभी देशवासियों ने हाल ही में धूमधाम से मनाया. इस अवसर पर ज़्यादातर बहनों ने अपने भाइयों को राखी बांधी और शानदार तरीक़े से इस फ़ेस्टिवल को सेलिब्रेट किया. लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) के रहने वाली एक भाई-बहन की जोड़ी ने इस दिन एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसकी ख़ुशी उन्हें हमेशा याद रहेगी. उनके लिए रक्षाबंधन का ये त्यौहार हमेशा स्पेशल रहेगा.

दरअसल, इस भाई-बहन की जोड़ी ने एक साथ पढ़ाई की और रक्षाबंधन पर जज की परीक्षा क्वालीफ़ाई करके परिवार का नाम रोशन किया है. दोनों ने पीसीएस-जे की परीक्षा पास कर ली है. आइए आपको बताते हैं. (UPPCS J 2022 Result Brother and Sister)

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दोनों ने पहले प्रयास की सफ़लता

ये कमाल आगरा के कस्बा खंदौली के गढ़ी अर्जुन निवासी राज बहादुर मौर्य के बेटे सुधांशु सिंह और उनकी बेटी शैलजा ने कर दिखाया है. दोनों का परिवार रक्षाबंधन का त्यौहार मना रहा था, और उसी दौरान पीसीएस जे का रिज़ल्ट घोषित हुआ. इस रिज़ल्ट के साथ बच्चों के चेहरे की ख़ुशी और दोगुनी हो गई, जब उन्हें पता चला कि भाई सुधांशु ने 276वीं और बहन शैलजा की प्रदेश में 51वीं रैंक आई है. बता दें कि दोनों भाई-बहनों के पिता डिस्ट्रिक्ट जज थे और पिछले महीने ही इस पद से रिटायर हुए हैं. जबकि उनके बड़े भाई अभी भी भदोई जिले में सिविल जज हैं. (UPPCS J 2022 Result)

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कैसे करते थे परीक्षा की तैयारी?

एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान इस भाई-बहन की जोड़ी ने बताया कि उन्होंने इस परीक्षा के लिए ख़ुद को कैसे प्रिपेयर किया. उन्होंने बताया कि वो सोशल मीडिया से बिल्कुल दूरी बना कर रखते थे और सिर्फ़ व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं. दोनों ने अपने दोस्तों से मिलना-जुलना छोड़ दिया था और 7 सालों से खेल-कूद से भी दूरी बनाए हुए हैं. दोनों का कहना है कि किसी भी परीक्षा को पास करने के लिए पहले आपको टारगेट तय करना चाहिए और उसके बाद पढ़ने के बारे में फ़ैसला करना चाहिए.

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परिवार का था पूरा सपोर्ट

शैलजा और सुधांशु की पढ़ाई के दौरान उनके परिवार वालों का पूरा सपोर्ट रहा. इस दौरान सवाल ज़्यादा कठिन होने पर कभी-कभी पिता राजबहादुर और बड़े भाई अरिजित भी मदद कर दिया करते थे. इस दौरान उनकी मां भी उनको पढ़ाई के लिए मोटिवेशन देती थीं और उनका पूरा ख्याल रखती थीं. यही वजह है कि दोनों भाई-बहन ने अपनी अच्छी रैंक का क्रेडिट अपने घरवालों को दिया. उनका पूरा परिवार भी इस सफ़लता से गदगद है.

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