इतिहास ख़ुद को दोहराएगा, जब विराट कोहली और केन विलियमसन अपनी टीम के साथ वर्ल्ड-कप के सेमी फ़ाइनल में आमने सामने होंगे.
इससे पहले दोनों का ऐसा सामना तब हुआ था जब वो साल 2008 में अंडर-19 के कप्तान हुआ करते थे और इत्तेफ़ाक से तब भी सेमी-फ़ाइनल में दोनों की टीम टकराई थी. उम्मीद करते हैं कि इस बार भी वही होगा जो 2008 में हुआ था.
2008 में भारत ने न सिर्फ़ न्यूज़लैंड को हराया था, बल्कि विराट कोहली ने फ़ाइनल जीत कर ट्रॉफ़ी भी उठाई थी. 11 साल पहले मिली ये जीत आगामी मैच में आत्मविश्वास दिलाएगी. उस मैच में केन विलियमसन विराट कोहली की गेंदबाज़ी पर ही आउट हुए थे.
2008 के अंडर-19 टीम में तीन और ऐसे खिलाड़ी थे जो वर्तमान में खेल रहे हैं, भारत की ओर से रविंद्र जडेजा और न्यूज़ीलैंड के ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी.
आज हुए प्री-मैच कॉन्फ़्रेंस में विराट कोहली ने भी इसके बारे में कहा कि वो जब कल केन विलियमसन से मिलेंगे तो इस बारे में उन्हें याद दिलाएंगे. इस बैच में ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो तब के बैच में भी खेल रहे थे जो आज अपने राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हैं.
विराट कोहली और केन विलियमसन की गिनती आज दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ और कप्तान के रूप में होती है. दोनों से इस मुकाम को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है. अगले मैच में दोनों आमने सामने होंगे.
खेल का परिणाम जो भी हो. लेकिन दोनों टीमों का सेमी-फ़ाइनल में खेलना भी ख़ुशी का पल होगा, इससे बड़ी बात क्यो होगी कि दोनों खिलाड़ी इस स्तर अपनी टीम का अगुवाई कर रहे हैं(भारत का जीतना इससे बड़ी होगी.)