Ajinkya Rahane का पूरा नाम Ajinkya Madhukar Rahane है, जो कि एक अंतरराष्ट्रीय भारतीय क्रिकेटर हैं. अजिंक्य मुख्य रूप से एक मिडिल ऑर्डर बैट्समैन (Test format) और टॉप ऑर्डर बैट्समैन (White Ball Forms)हैं. अपनी शानदार तकनीक और नरम आचरण के साथ मुंबई के इस बल्लेबाज ने अपनी एक अलग पहचान बनाने का काम किया है.
Ajinkya Rahane का जन्म
Ajinkya Rahane : भारतीय क्रिकेटर अजिंक्य रहाणे का जन्म 6 जून 1988 को महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले के अश्विनी खुर्द नाम के गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम मधुकर बाबूराव रहाणे और माता का नाम सुजाता रहाण है. अजिंक्य एक भाई और बहन भी हैं.
बचपन की दोस्त से की शादी
जानकारी के अनुसार, सात साल की उम्र में अजिंक्य के पिता ने उन्हें एक छोटे से क्रिकेट कोचिंग कैंप में भर्ती कर दिया था, क्योंकि वो बड़ी कोचिंग का ख़र्च नहीं उठा सकते थे. वहीं, जब अजिंक्य 17 साल के हुए, तो उन्होंने भारत के पूर्व बल्लेबाज प्रवीण आमरे से क्रिकेट कोचिंग ली.
ODI डेब्यू
Ajinkya Rahane ने चेस्टर-ले-स्ट्रीट में इंग्लैंड के खिलाफ़ अपना ODI Debut किया था, जहां उन्होंने 90 की स्ट्राइक रेट से 40 रन बनाए. उन्होंने उस श्रृंखला और बाद की श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने अपना पहला 50 रन बनाया था. हालांकि, वो वेस्टइंडीज़, श्रीलंका और पाकिस्तान के खिलाफ़ बाद की सीरीज़ में अच्छा प्रदर्शन करने में विफ़ल रहे थे.
आईपीएल करियर
शुरुआती वर्षों में Ajinkya Rahane ने आईपीएल मुंबई इंडियंस के लिए खेला था. हालांकि, इस दौरान उन्हें अच्छी उपलब्धियां नहीं मिली. लेकिन, जब वो राजस्थान रॉयल्स में शिफ़्ट हुए, तो उन्होंने काफ़ी अच्छा प्रदर्शन किया. वह आईपीएल में मुंबई इंडियंस, राजस्थान रॉयल्स और राइजिंग पुणे सुपरजायंट के लिए खेल चुके हैं.
टेस्ट करियर
Ajinkya Rahane ने इंग्लैंड में Investec Test Series (भारत का इंग्लैंड दौरा, 2014) में खेला और अपनी एक छाप छोड़ी. उन्होंने लॉर्ड्स में अपनी पहली उपस्थिति में एक शानदार शतक बनाया. रहाणे के शतक ने सुनिश्चित किया कि भारत 28 साल के लंबे इंतज़ार के बाद लॉर्ड्स में जीता था.
अवॉर्ड्स
अजिंक्य रहाणे को बेस्ट अंडर 19 क्रिकेटर के लिए M A Chidambaram Trophy (2006–07) मिल चुकी है. इसके अलावा, उन्हें 2014-15 में CEAT Indian Cricketer of the Year से भी नवाज़ा गया है. वहीं, अजिंक्य रहाणे प्रतिष्ठित ‘Mullagh Medal’ के पहले प्राप्तकर्ता भी बने.
दिलचस्प क़िस्सा
उनके बचपन का एक दिलचस्प क़िस्सा है जिसके बारे में शायद ही ज़्यादा लोगों को पता हो. बात तब की है जब वो 8 साल की उम्र में डोंबिवली में क्रिकेट खेला करते थे. एक बार उनकी उम्र से तीन गुणा बड़े गेंदबाज़ की गेंद उनके हेलमेट में लगी. चूंकि रहाणे तब छोटे थे, तो दर्द सहन न कर पाए और रोने लगे. हालांकि, इसके बाद उन्होंने उस गेंदबाज़ को फिर से गेंद डालने को कहा और लगातार उसकी 5 गेंदों पर चौके जड़े.