पूर्व भारतीय ऑलराउंडर बापू नाडकर्णी का शुक्रवार को 86 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया है. नाडकर्णी को आज भी इंग्लैंड के ख़िलाफ़ एक टेस्ट मैच के दौरान लगातार 21 मेडेन ओवर फेंकने के रिकार्ड के लिए जाना जाता है.
दुनिया के सबसे ‘कंजूस बॉलर’ बापू नाडकर्णी के निधन पर पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर समेत कई अन्य हस्तियों ने शोक जताया है.
बापू नाडकर्णी ने साल 1955 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ दिल्ली में खेले गए टेस्ट मैच में डेब्यू किया था. जबकि न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ ही साल 1968 में ऑकलैंड में अपना आख़िरी मैच भी खेला था.
जब नाडकर्णी ने बनाया कभी न टूटने वाला रिकॉर्ड
साल 1964 में इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर 5 टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेलने आई थी. इस दौरान भारत-इंग्लैंड के बीच चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट मैच के दौरान भारतीय ऑलराउंडर बापू नाडकर्णी ने एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया जिसे आज तक कोई भी गेंदबाज़ तोड़ नहीं पाया है.
नाडकर्णी ने इस टेस्ट मैच की पहली पारी में कुल 32 ओवर डाले, जिनमें से 27 ओवर मेडेन फेंक कर उन्होंने महज़ 5 रन दिए. बावजूद इसके वो कोई भी विकेट हासिल नहीं कर पाए. इस दौरान सबसे ख़ास बात ये रही कि उन्होंने 27 में से 21 ओवर लगातार मेडेन फेंके, जो आज भी वर्ल्ड रिकॉर्ड है.
कुछ इस तरह था वो मैजिकल स्पेल ’32-27-5-0′. बापू नाडकर्णी ने इस पारी में 0.15 के इकॉनमी रेट से रन खर्चे थे, जो कि आज भी क्रिकेट इतिहास में 10 से अधिक ओवर फेंकने वाले किसी भी गेंदबाज़ के लिए बेस्ट रिकॉर्ड है.
5 मैचों की इस सीरीज़ में बापू नाडकर्णी ने इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को एक-एक रन के लिए जूझने को मजबूर कर दिया था.
बापू नाडकर्णी का क्रिकेट करियर
बायें हाथ के बल्लेबाज़ और बायें हाथ के स्पिनर बापू नाडकर्णी ने भारत के लिए 41 टेस्ट मैचों में 1414 रन बनाये और 88 विकेट झटके. गेंदबाज़ी में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 43 रन देकर 6 विकेट रहा. मुंबई के शीर्ष क्रिकेटरों में शामिल बापू नाडकर्णी ने 191 प्रथम श्रेणी मैच खेले, जिसमें 500 विकेट चटकाए और 8880 रन बनाये.
इस बेहतरीन क्रिकेटर को हमारा शत-शत नमन.