भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच 25 जून 1932 को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेला था. इस मैच के साथ ही भारत टेस्ट क्रिकेट खेलने वाला छठा देश बना, लेकिन भारत अपना पहला टेस्ट मैच 158 रनों से हार गया था.
इस मैच में भारतीय टीम की अगुवाई सीके नायुडू ने की थी. जबकि इंग्लैंड के कैप्टन डग्लस जार्डाइन थे. अनुभवी ब्रिटिश टीम के सामने भारतीय टीम एकदम नई नवेली थी. इस दौरान अधिकतर भारतीय खिलाड़ियों को क्रिकेट की इतनी समझ भी नहीं थी. बावजूद इसके भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर गई.
भारत और इंग्लैंड के बीच ये ऐतिहासिक मैच लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था. इस मैच ने सिर्फ़ भारत में ही नहीं, बल्कि इंग्लैंड में भी खूब सुर्ख़ियां बटोरी थी. इस दौरान सीके नायडू को इंग्लैंड के अख़बारों ने ‘हिंदू ब्रेडमैन’ तक कहा डाला था.
कुछ ऐसा था मैच का लेखा-जोखा
भारत के पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया था. इंग्लैंड ने कप्तान डग्लस जार्डाइन के 79 रनों की बदौलत पहली पारी में 259 रन बनाये. भारत की ओर से मोहम्मद नासिर ने इंग्लैंड के 5 विकेट चटकाए. जवाब में भारतीय टीम 189 रन ही बना पाई. कप्तान सीके नायुडू ने सर्वाधिक 40 रनों की पारी खेली.
इसके बाद इंग्लैंड ने दूसरी पारी में 275 रन बनाए. इंग्लैंड ने पहली पारी में मिली 70 रनों की बढ़त के साथ भारत को जीत के लिए 345 रनों का टारगेट दिया. जवाब में भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए 187 रनों पर ढेर हो गई. इस तरह भारत अपना पहला टेस्ट मैच 158 रनों से हार गया.
लेकिन भारत की ये हार असल में हार नहीं बल्कि भारत को क्रिकेट की महाशक्ति बनाने के लिए एक सीढ़ी थी.
साल 1933 में मशहूर क्रिकेट पत्रिका ‘विज़डन’ ने भारतीय कप्तान सीके नायडू को साल के पांच बेहतरीन क्रिकेटरों में शुमार किया था.
इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच में भारतीय टीम इस प्रकार से थी-
सीके नायडू (कप्तान), जनार्दन नावले (विकिटकीपर) नाऊमल जाऊमल, सोराबजी कोलाह, सैयद वजीर अली, लाल सिंह, जहांगीर ख़ान, फ़िरोज पालिया, एस. नजीर अली, मोहम्मद निसार और अमर सिंह.
मोहम्मद निसार और अमर सिंह
भारतीय टीम ने 24 अगस्त 1971 को पहली बार इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट जीत हासिल की थी. तीन मैचों की इस टेस्ट सीरीज़ को भारत ने 1-0 से जीता था.