देश की वो उड़न परी जिसने अपनी क़ाबिलियत से जीत लिया सबका दिल, उसके बारे में कितना जानते हैं आप?

Akanksha Tiwari

‘पीटी ऊषा’ ओलंपिक फ़ाइनल तक पहुंचने वाली देश की पहली महिला एथलीट, जो कि अपनी ज़िंदगी के 54वें बरस में कदम रख चुकी हैं. पीटी का पूरा नाम पिलावुल्लकंडी थेक्केपराम्बील उषा है, इसके अलावा उनको ‘उड़न परी’ के नाम से भी जाना जाता है. पीटी ने अपनी क़ाबिलियत के दम पर देश को कई बार गौरवान्वित होने का मौका दिया है.

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ट्रैक हो या फ़ील्ड, इस महिला एथलीट ने हर जगह ख़ुद को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. 1964 में 100 से अधिक मेडल जीत कर कामयाबी का इतिहास रचने वाली पीटी का जन्म केरल के कोझिकोड ज़िले में हुआ था.

आइए जानते हैं इस महान ख़िलाड़ी की ज़िंदगी से जुड़ी कुछ ख़ास बातें :

1. 1976 में कन्नूर की राज्य सरकार ने महिला खिलाड़ियों के लिए खेल विभाग की शुरूआत की थी और उन 40 खिलाड़ियों में पीटी उषा का भी नाम था. इसके बाद उन्होंने कोच O.M Nambiar की मदद से प्रैक्टिस करना शुरू किया.

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2. 1976 में ही उन्होंने पहली बार न सिर्फ़ नेशनल स्पोर्ट्स गेम्स की चौंपिशयनशिप में हिस्सा लिया, बल्कि उसे जीत कर भी दिखाया. उस समय उनकी उम्र महज़ 12 साल थी, तभी से वो सबकी नज़रों में आई.

3. पीटी ने 1980 में अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत करते हुए, करांची में आयोजित हुई ‘पाकिस्तान ओपन नेशनल मीट’ में 4 गोल्ड मेडल जीत कर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया.

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4. महिला एथलीट को 20 साल की उम्र में अर्जुन पुरस्कार और पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाज़ा जा चुका है.

5. 1982 में आयोजित World Junior Invitation Meet में उन्होंने 200m रेस में गोल्ड मेडल और 100m रेस में ब्रोन्ज़ मेडल हासिल किया.

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6. 1985 और 1986 में पीटी उषा को बेस्ट एथलीट के लिए वर्ल्ड ट्राफ़ी से सम्मानित किया जा चुका है.

7. पीटी का विवाह Central Industrial Security Force Inspector, V. Srinivasan से हुआ, जिसके बाद उन्हें Ujjwal नाम का बेटा भी हुआ. शादी और बच्चे के बाद उन्होंने खेल से ब्रेक लिया, लेकिन इसके बाद वापसी भी दमदार की.

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8. 1990 में ‘बीजिंग एशियन गेम्स’ में पीटी उषा ने तीन सिल्वर मेडल जीते.

9. यही नहीं, इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की तरफ़ से पीटी को ‘स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ द सेंचुरी’ और ‘स्पोर्ट्स वीमेन ऑफ़ द मिलेनियम’ का ख़िताब भी दिया चुका है.

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10. अपने आलोचकों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए, उन्होंने 1998 में जापान में हुई Asian Track Field प्रतियोगिता में देश की तरफ़ से 2 ब्रोन्ज़ मेडल जीत कर सबको हैरान कर दिया.

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11. साल 2000 में पीटी उषा ने एथलेटिक्स से संन्यास ले लिया और अब ‘Usha School of Athletics’ नाम का एक स्कूल चला रही हैं, जहां वो लड़कियों को खेल के लिया प्रशिक्षित कर रही हैं.

अपनी क़ाबिलियत से देश का नाम रौशन करने के लिए शुक्रिया पीटी उषा और Happy Birthday!

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