सालों की मेहनत और कई बड़ी इंजरी को मात देकर एशियन चैंपियन बनी बॉक्सर पूजा रानी की कहानी

Maahi

भारतीय मुक्केबाज़ पूजा रानी ने हाल ही में बैंकॉक में खेली गई ‘एशियन चैंपियनशिप’ के दौरान देश के लिए गोल्ड मेडल जीता. पूजा ने महिलाओं के 81 किलोग्राम भार वर्ग में वर्ल्ड चैंपियन वांग लिना को हराकर देश का नाम रौशन किया.  

indiatimes

बेहद प्रेरणादायक है पूजा की कहानी 

indiatimes

पूजा ने अपने पिता की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ जाकर मुक्केबाजी को अपना करियर चुना. उनके पिता सब इंस्पेक्टर राजवीर सिंह हरियाणा पुलिस में कार्यरत हैं. लेकिन साल 2009 में पूजा ने ‘यूथ नेशनल्स’ के दौरान पदक जीतकर सिर्फ़ 6 महीने में ही परिवार का दिल जीत लिया. उन्होंने पहली बार साल 2014 में एशियाई खेलों के दौरान देश के लिए कांस्य पदक जीता था.   

india

हरियाणा के निमारीवाली गांव की रहने वाली पूजा तीन साल पहले दिवाली के मौके पर पटाखे जलाने के दौरान अपना एक हाथ बुरी तरह से जला बैठी थीं. इस दौरान वो करीब एक साल तक बॉक्सिंग से दूर रहीं, इसके बाद जब पूजा ने वापसी के लिए प्रैक्टिस शुरू की, तो कंधा चोटिल कर बैठीं.  

shethepeople

इसके बाद तो पूजा रानी का बॉक्सिंग करियर लगभग समाप्त मना जा रहा था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. बॉक्सिंग रिंग में वापसी के लिए पूजा ने जी जान लगा दी. करीब दो साल तक पूजा ने जमकर मेहनत की. साल 2018 में पूरे दो साल बाद शानदार वापसी करते हुए पूजा 81 किलोग्राम भार वर्ग में राष्ट्रीय चैंपियन बनीं.   

इसके बाद पूजा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वो वर्ल्ड चैंपियन वांग लिना को भी धूल चटा चुकी हैं.  

indiatimes

साल 2017 भी मेरे करियर के लिए बेहद ख़राब रहा. हाथ की सर्जरी से जैसे ही ठीक हुई, प्रैक्टिस के दौरान मेरा कंधा चोटिल हो गया. इसके बाद मेरा करियर लगभग समाप्त हो चुका था, लेकिन मैंने हार नहीं मानी. घायल कंधे के साथ ही मैंने प्रैक्टिस जारी रखी.  

news18.co

TOI से बातचीत में पूजा ने कहा, चोटिल होने पर कई लोगों ने मुझसे सर्जरी की सलाह दी, लेकिन मैं सर्जरी के लिए तैयार नहीं थी. मुसीबत के वक़्त हर किसी ने मेरा साथ छोड़ दिया था, मैं बिलकुल अकेले पड़ गयी थी. इसके बाद मैंने फ़िजियोथेरेपी का सहारा लिया.   

ऐसे हुई थी शुरुआत 

latestly

साल 2009 में 12वीं के बाद कॉलेज शुरू किया. इस दौरान भिवानी के हवा सिंह बॉक्सिंग अकेडमी भी जॉइन की. अकेडमी में पूजा के कोच रहे संजय श्योराण की पत्नी उसके कॉलेज में लेक्चरर थीं. 5 फ़ुट 8 इंच की हाइट होने के चलते उन्होंने पूजा को मुक्केबाज़ी करने की सलाह दी थी.  

news18.com

भारत ने ‘एशियन चैंपियनशिप’ के दौरान दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य समेत कुल 13 पदक जीते. पहली बार ये टूर्नामेंट महिला और पुरुषों के लिये एक साथ आयोजित किया गया. 

आपको ये भी पसंद आएगा
धोती-कुर्ता पहनकर खेला गया अनोखा क्रिकेट मैच! टूर्नामेंट की विजेता टीम करेगी ‘राम मंदिर’ के दर्शन
IPL Auction 2024: मिचेल स्टार्क बने IPL इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी, 24.75 करोड़ रुपये में बिके
महेंद्र सिंह धोनी की ‘जर्सी नंबर 7’ को BCCI ने किया रिटायर, अब कोई भी ख‍िलाड़ी इसे पहन नहीं पायेगा
Rinku Singh Six: साउथ अफ़्रीका में आया रिंकू सिंह का तूफ़ान, ‘शिशातोड़’ छक्का मारकर किया आगाज़
Gambhir-Sreesanth Fight: लाइव मैच के दौरान ‘श्रीसंथ’ से भिड़े ‘गंभीर’, वीडियो हुआ वायरल
जानिए हार्दिक पांड्या को गुजरात टाइटंस ने क्यों किया रिलीज़, ये थी इसके पीछे की ख़ास वजह