भारत के तेज गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह पिछले कुछ महीनों में भारत के भरोसेमंद डेथ ओवर गेंदबाज़ के रूप में सामने आए हैं. अपनी सटीक लाइन-लेंथ और गति से जसप्रीत, टी20 में दुनिया के नंबर 2 गेंदबाज़ बने हुए हैं. अपने लगातार अच्छे प्रदर्शन से वे भारत की तेज़ गेंदबाज़ी का बड़ा सितारा दिखाए दे रहे हैं.
लेकिन जहां अहमदाबाद का ये नौजवान अपने अच्छे प्रदर्शन के साथ लगातार सफ़लता की सीढ़ियां चढ़ रहा था, वहीं उनके दादा आज भी टेंपो चला कर एक किराए के कमरे में गुज़र-बसर कर रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, बुमराह के दादा संतोख सिंह बुमराह उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में रहते हैं. वे पिछले 10 सालों वहां रह रहे हैं. कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की वजह से उनका अच्छा खासा व्यापार चौपट हो गया था और अब वे काफ़ी मुश्किल वक्त बिता रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, संतोख एक ज़माने में बड़ा बिज़नेस चलाया करते थे. संतोख की तीन फैक्ट्रियां थी और इस बिज़नेस को वे अपने बेटे के साथ संभाला करते थे.
2001 में बुमराह के पिता जसवीर बुमराह की मृत्यु हो गई. इससे संतोख के बिज़नेस पर गहरा असर पड़ा और कर्ज चुकाने के लिए उन्हें अपनी फ़ैक्ट्रियां बेचनी पड़ी. संतोख ने इसके बाद चार टेम्पो खरीद लिए, लेकिन किस्मत उनका अब भी साथ नहीं दे रही थी और उन्हें अपने तीन टेम्पो बेचने पड़े. वे अब एक टेम्पो चला कर अपना जीवन किसी तरह बिता रहे है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 84 साल के संतोख सिंह अपने पोते को टीवी पर गेंदबाज़ी करते हुए देखते हैं. वे जसप्रीत की सफ़लता से बेहद खुश हैं और उन्हें गले लगाना चाहते हैं.