क्रिकेट सिर्फ़ हार-जीत और चौके-छक्कों का ही खेल नहीं, बल्कि इसमें आंकड़ों का खेल भी काफ़ी महत्वपूर्ण होता है. किस टीम ने कितने रन बनाये, किस टीम के कितने विकेट गिरे, किस बल्लेबाज़ ने कितने रन बनाए और किस गेंदबाज़ ने कितने विकेट चटकाए? इन सब चीज़ों का लेखा-जोखा हमें स्टेडियम के एक कोने में लगे स्कोरबोर्ड पर नज़र आता है.
क्रिकेट मैदान पर हर टीम, खिलाड़ी और फ़ैंस के लिए स्कोरबोर्ड बेहद महत्वपूर्ण होता है. जब भी कोई खिलाड़ी चौके-छक्के लगाता है फ़ैंस की टकटकी नज़र स्कोरबोर्ड की तरफ़ होती है. क्रिकेट में समय-समय पर आए बदलाव के साथ-साथ ये स्कोरबोर्ड भी बदलते चले गए. ये स्कोरबोर्ड पहले मैन्युअल से डिजिटल हुए और आज क्रिकेट मैदान से गायब ही हो चले हैं. लेकिन वो हाथ वाले पेपर स्कोरबोर्ड की बात ही अलग थी.
1- पेपर स्कोरबोर्ड से तो आप सभी वाकिफ़ ही होंगे.
2- इन्हीं पेपर स्कोरबोर्ड के साथ क्रिकेट की शुरुआत हुई थी.
3- इसके बाद पेपर स्कोरबोर्ड की जगह ली मैन्युअल स्कोरबोर्ड ने.
4- मैन्युअल स्कोरबोर्ड कई दशकों तक हर मैच का लेखा-जोखा रखते थे.
5- हर स्टेडियम में स्कोरबोर्ड के लिए एक ख़ास जगह होती थी.
6- कुछ मैन्युअल स्कोरबोर्ड इस तरह के भी होते थे.
7- ये है मैन्युअल ट्रॉली स्कोरबोर्ड.
8- मैन्युअल स्कोरबोर्ड को संभालने के लिए एक पूरी टीम हुआ करती थी.
9- एक समय में ये फ़्लेक्सी स्कोरबोर्ड भी ख़ूब चले थे.
10- फिर दौर आया डिजिटल स्कोरबोर्ड का.
11- कुछ इस तरह के भी होते हैं डिजिटल स्कोरबोर्ड.
12- ये है टीवी स्क्रीन स्कोरबोर्ड्स.
13- एक समय में डिजिटल ट्रॉली स्कोरबोर्ड भी होते थे.
14- ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में आज भी ये डिजिटल स्कोरबोर्ड देखने को मिल जायेंगे.
15 आज कुछ इस तरह के स्कोरबोर्ड देखे जाते हैं.
इंटरनेट के इस दौर में हम हर चीज़ के लिए गूगल करते हैं. समय के साथ न सिर्फ़ क्रिकेट, बल्कि ये स्कोरबोर्ड भी पूरी तरह बदल चुके हैं. इन डिजिटल स्कोरबोर्ड की जगह क्रिकेट वेबसाइट ने ले ली है. इन वेबसाइट पर एक क्लिक करते ही हमें क्रिकेट की सारी जानकारी मिल जाती है. भले ही आज भी कुछ पुराने क्रिकेट मैदानों पर ये डिजिटल स्कोरबोर्ड देखने को मिल जाएंगे, लेकिन नए मैदानों से ये पूरी तरह से नदारत हैं.