शनिवार को भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम ने बांग्लादेश को 5 रन से मात देकर एशिया कप अपने नाम कर लिया. इस जीत के हीरो रहे 18 साल के ऑलराउंडर अथर्व अंकोलेकर. उनकी कमाल की गेंदबाज़ी के चलते ही भारतीय टीम सातवीं बार एशिया कप जीतने में कामयाब हुई.
अथर्व अंकोलेकर ने श्रीलंका के कोलंबो में खेले गए फ़ाइनल मैच में 28 रन देकर पांच विकेट चटकाए थे. उनके शानदार प्रदर्शन के लिए अथर्व को मैन ऑफ़ द मैच के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. अथर्व के क्रिकेटर बनने की कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है.
अथर्व की मां एक बस कंडक्टर हैं
अथर्व अंकोलेकर एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनकी मां वैदेही एक बस कंडक्टर हैं. अथर्व जब 10 साल के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया था. उनके पिता मुंबई के परिवहन विभाग(बेस्ट) में कंडक्टर का काम करते थे. उन्हें क्रिकेट खेलने का शौक था. उनका सपना था कि एक दिन उनका बेटा भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेले.
अथर्व के पिता के गुज़रने के बाद उनकी मां को बस में कंडक्टर की नौकरी मिल गई. मां के ज़्ज्बे और बेटे के जुनून ने ही अथर्व भारतीय क्रिकेट टीम(U-19) में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं.
सचिन का ले चुके हैं विकेट
अथर्व 9 साल पहले तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने एक प्रैक्टिस मैच में क्रिकेट के दुनिया के भगवान सचिन तेंदुलकर को आउट कर दिया था. अथर्व 18 साल के हैं और बी.कॉम सेकेंड ईयर के छात्र हैं.
अथर्व ने अंडर 19 एशिया कप में 12 विकेट झटके हैं. इस टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं. उनकी मां अथर्व के इस शानदार प्रदर्शन से बहुत ख़ुश हैं. इस मौके पर अपने पति को याद करते हुए उन्होंने कहा- ‘काश उसके पिता ने ये देखा होता, उसने अपने पिता को गौरवान्वित किया, हम सभी को गौरवान्वित किया.’
उनका कहना है कि अथर्व को अभी बहुत ही लंबा सफ़र तय करना है. हम भी चाहेंगे की अथर्व इंडियन नेशनल क्रिकेट टीम का हिस्सा बन नए-नए रिकॉर्ड बनाएं.