एक वक़्त था जब सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली की दोस्ती को मिसाल के तौर पर देखा जाता था. सचिन और कांबली बचपन के दोस्त हैं, जब वो कोच रमाकांत आचरेकर से क्रिकेट की बारीकियां सीखा करते थे. इन दोनों ने एक स्कूल, एक स्टेट और फिर देश के लिए कई साल एक साथ क्रिकेट खेला. एक समय था जब क्रिकेट में दोनों का कद बराबर था. लेकिन कांबली सफ़लता को सही से हैंडल नहीं पाए और सचिन उनसे कहीं आगे निकल गए. सचिन का क्रिकेट करियर जितना लम्बा रहा, कांबली का उतना ही छोटा. कांबली हमेशा टीम इंडिया में जगह बनाने की कोशिश ही करते रह गए और सचिन क्रिकेट के भगवान बन गए. इस दौरान इन दोनों की दोस्ती में दरार आ गयी, कई साल तक ये दोनों एक-दूसरे से दूरी बनाकर ही रहे.
कांबली कुछ साल पहले एक टीवी कार्यक्रम के दौरान सचिन के साथ अपनी दोस्ती को लेकर ये भी कह चुके हैं कि सचिन ने बुरे वक़्त में उनका साथ नहीं दिया. वहीं सचिन ने आख़िरी मैच के दिन रिटायरमेंट स्पीच में सबका नाम लिया, लेकिन अपने बचपन के दोस्त विनोद कांबली का ज़िक्र तक नहीं किया. कांबली इस बात को लेकर भी सचिन से ख़फ़ा थे.
हाल ही में सचिन और कांबली काफ़ी लम्बे समय बाद मुंबई में एक T-20 मैच के दौरान दिखे. मैच ख़त्म होने के बाद Shivaji Park Lions टीम के मेंटर के तौर पर कांबली ने पोस्ट प्रज़ेंटेशन के दौरान सचिन को देखते ही उनके पैर छू लिए, इसके बाद सचिन ने भी कांबली को गले लगा लिया. इससे तो यही अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि दोनों दोस्त एक बार फिर से अपनी दोस्ती को एक नए मुक़ाम पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं.
ये तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रही है.
अब कौन किससे किस बात के लिए ख़फ़ा है ये तो हमें नहीं पता. लेकिन हम तो यही कहेंगे कि इनकी दोस्ती फिर से पहले जैसी हो जाए, ताकि ये दोनों आने वाली युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल बन सकें.