Chandrayaan-3 समेत ISRO के 21वीं सदी के सभी मिशन की ख़ूबसूरत फ़ोटोज़, जो सीधा अंतरिक्ष से ली गई हैं 

Vidushi

ISRO All Missions Beautiful Photos from Space : हम सभी जानना चाहते हैं कि हमारा ब्रह्मांड आखिर में कैसा है. ऐसी तमाम वो कौन सी चीज़ें हैं, जिनसे हम अभी तक अनजान हैं. पृथ्वी के बाहर की दुनिया देखने के लिए तमाम देशों में होड़ सी मची हुई है. इन देशों में भारत का भी नाम शामिल है. भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO यानि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन कई सालों से अनेकों मिशन लॉन्च करके अंतरिक्ष की तमाम जानकारियां जुटाने में लगा हुआ है.

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आइए आपको 21वीं सदी में इसरो द्वारा स्पेस में लॉन्च किए गए सभी मिशन की ख़ूबसूरत तस्वीरें दिखा देते हैं, जो अंतरिक्ष से खींची गई थीं.

1- चंद्रयान-3

हाल ही में इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन लॉन्च किया गया, जिसने इतिहास रच दिया. इसने चंद्रमा के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग की. ये वो क्षेत्र था, जहां की इससे पहले कभी खोज नहीं की गई थी. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के बाद चंद्रयान-3 के लैंडर ने वैज्ञानिकों को चाँद की तस्वीरें भेजीं, जोकि बेहद सुंदर थीं.

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2- मंगलयान मिशन

मंगलयान मिशन (Mars Mission) की लागत 450 करोड़ रुपये थी. मंगलयान दुनिया का पहला मिशन था, जो पहली बार में मंगल ग्रह तक पहुंचा था. सितंबर 2013 में मंगलयान को PSLV रॉकेट से रवाना किया गया था. इस मिशन के साथ ही भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया था, जो एक ही बार में सीधे मंगल ग्रह (Mars) तक पहुंचा था. मिशन सिर्फ़ 6 महीने के लिए भेजा गया था, लेकिन इसने लगातार आठ सालों तक बेहतरीन काम किया.

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3- चंद्रयान-1

चंद्रमा के लिए भारत का पहला मिशन, चंद्रयान-1 (Chandrayaan-1), 22 अक्टूबर 2008 को एसडीएससी शार, श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था. भारत तब दुनिया का चौथा देश बन गया था जिसने चांद पर अपना झंडा बुलंद किया. जिस जगह चंद्रयान-1 का मून इम्पैक्ट प्रोब (MIP) टकराया था, उसे ‘जवाहर पॉइंट‘ नाम दिया गया. इस मिशन पर लगभग 386 करोड़ रुपये (88.73 मिलियन डॉलर) की लागत आई थी. मिशन को दो साल तक चांद की सतह का सर्वे करना था.

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4- चंद्रयान-2

चंद्रयान -2 (Chandrayaan-2), चंद्रयान-1 के बाद चन्द्रमा पर खोजबीन करने वाला दूसरा अभियान है, जिसे इसरो ने विकसित किया था. 2019 में लॉन्च किया गया ये मिशन आख़िरी 15 मिनट में चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया था. इसके बाद फाइन ब्रेकिंग फेज में अपने लैंडिंग स्थान से महज 7.42 किलोमीटर दूर चांद की सतह से क्रैश कर गया था.

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