आजकल एक इंसान दूसरे इंसान पर विश्वास करने में भले ही सौ बार सोचता हो, लेकिन अंधविश्वास पर विश्वास करने के लिए सौ बार तो छोड़ो एकबार भी नहीं सोचता है. अब जैसा कि दिवाली का समय चल रहा है हर तरफ़ पूजा-पाठ और उत्सव का तो माहौल है ही. इसके अलावा हमारे समाज का एक ऐसा भी हिस्सा है जो पूजा-पाठ और उत्सव के अलावा दिवाली से जुड़े अंधविश्वासों को भी बहुत मानता है. और इन अंधविश्वासों की चाबी घर के सदस्यों को भी ऐसी भरी गई है कि वो भी इसे मानने पर विवश हैं.
भले ही ये अंधविश्वास ऐसे नहीं हैं जो किसी को नुकसान पहुंचाएं, लेकिन अंधविश्वास तो हैं न इसकी समाज में जगह तो बनी है न. आज ऐसे ही कुछ अंधविश्वास हम आपको बताने जा रहे हैं:
1. आम तौर पर बिल्ली का रास्ता काटना अपशगुन माना जाता है, लेकिन दिवाली की रात ऐसा नहीं होता है क्योंकि एक अंधविश्वास कहता है कि दीपावली के दिन बिल्ली लक्ष्मी के रूप लेकर घर में आती है, जिससे घर में लक्ष्मी की कभी कमी नहीं होती है. इसलिए दीपावली पर बिल्ली को मारने, भगाने या डराने से मना किया जाता है.
2. दिवाली की सुबह सूप पीटने से लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन की कभी कमी नहीं होती है.
3. इसके अलावा, दिवाली के दिन सुअर, छिपकली और छछुूंदर दिखना भी शगुन होता है. इससे घर में लक्ष्मी की ख़ूब वर्षा होती है.
4. दिवाली आने के क़रीब घर में नई झाड़ू नहीं आती है. कितनी बार मम्मी को कहते सुना होगा अभी इसी से काम चला लो नई झाड़ू छोटी दिवाली के दिन मंगाएंगे शुभ होता है.
5. दिवाली की रात में पूजा में जलने वाले दिये से काजल पारा जाता है, मतलब बनाया जाता है. कहते हैं उस काजल को घर का जो भी सदस्य बिना लगाए सो जाता है तो वो अगले जनम में छछूंदर बनता है.
6. दिवाली पूजा के बाद कमरे की सफ़ाई नहीं करनी चाहिए इससे घर की लक्ष्मी जाती है.
7. दिवाली के अगले दिन जिसे हम लोग परेवा का दिन मनाते हैं, मान्यता है कि उस दिन जो काम करो वो पूरे साल होता है. इसीलिए कोई भी उधार नहीं देता है. मम्मी को तो बस सोने से प्रॉब्लम होती थी, वो बस नहाने और जल्दी जगने के पीछ पड़ी रहती थीं.
8. दिवाली के मौके पर उल्लू की बलि देने से लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि और धन आता है.
9. घर के बुज़ुर्ग अक्सर दीपावली के दिन शाम को सारे दरवाज़े खुले रखने की सलाह देते हैं, ताकि लक्ष्मी जी घर में प्रवेश कर पाएं.
10. दिवाली की रात में 1 साल से छोटे बच्चों को लेकर नहीं निकलना चाहिए क्योंकि इस दिन लोग जादू-टोना करते हैं, तो बच्चे बीमार हो सकते हैं.
बचपन से लेकर आज तक जो भी सुनते आ रहे थे हम सब ये अंधविश्वास उसी के आधार पर हैं. हमें यक़ीन है कि इनमें से कोई न कोई आपकी ज़िंदगी से भी ज़रूर जुड़ा होगा.