मिलिए मिर्ज़ापुर के ‘अंबानी’ से, जिसने बना डाला है 14 मंज़िला महल, ‘एंटीलिया’ को दे रहा है टक्कर

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उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर स्थित श्रुतिहार निवासी सियाराम पटेल (Siaram Patel) इन दिनों शहर में चर्चा का विषय बने हुए हैं. सुर्ख़ियों में रहने के पीछे की असल वजह है उनका ये आलीशान घर. दरअसल, सियाराम पटेल ने मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के आलीशान घर ‘एंटीलिया’ से प्रेरित होकर ख़ुद का 14 मंज़िला घर बनाया है. लेकिन अब उनका ये घर उन्हीं के लिए मुसीबत का कारण बन गया है.

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मिर्ज़ापुर के श्रुतिहार गांव में बिना परमिशन बनी 14 मंज़िला गगनचुंबी इमारत पूरे जनपद में कौतूहल का विषय बनी हुई है, लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि गांव में इतनी ऊंची इमारत बनने की भनक प्रशासन तक को नहीं थी. ग्रामीणों की शिक़ायत के बाद प्रशासन की आंख खुली और 4 साल पहले मिर्ज़ापुर न्यायालय के आदेश पर इस भवन को कुर्क कर शील कर दिया गया है. इस इमारत के मालिक डॉ. सियाराम पटेल तब से ही पास के जनपद सोनभद्र में रह रहे हैं.

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दरअसल, मिर्ज़ापुर के रहने वाले नेत्र चिकित्सक सियाराम पटेल को राजाओं की तरह शानो-शौकत की ज़िंदगी जीना पसंद है. अपने शौक़ को पूरा करने उन्होंने अपने पुश्तैनी ज़मीन के एक टुकड़े पर क़रीब 1 हज़ार वर्ग फ़ीट में 14 मंज़िला गगनचुम्बी इमारत का निर्माण करा लिया था. इसके अलावा उन्होंने ग़ैर क़ानूनी तौर पर 4 शादियां भी की हैं, जिनसे उनके 6 बच्चे हैं.

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5 साल पहले इमारत को किया गया था कुर्क

ग्रामीणों के अनुसार, साल 2001 में डॉ. सियाराम पटेल की दूसरी शादी देवरिया निवासी अर्चना सिंह से हुई है. शादी के कुछ साल बाद ही दोनों अलग हो गए और पत्नी अर्चना ने भरण पोषण न मिलने पर परिवार न्यायालय मिर्ज़ापुर में वाद दाखिल किया था. 13 अप्रैल, 2018 को न्यायालय ने उनके पति को भरण पोषण के लिए 3 लाख, 82 हज़ार, 500 रुपये देने के लिए आदेश दिया था. लेकिन भरण पोषण न मिलने पर परिवार न्यायालय के आदेश पर कुछ दिन बाद ही तत्कालीन उप जिलाधिकारी द्वारा 14 मंज़िला इमारत को कुर्क के साथ ज़ब्त कर लिया गया.

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श्रुतिहार गांव के निवासी रामेश्वर गोंड ने बताया कि, सियाराम पटेल को फ़ेमस होने का शौक़ है. इसी पागलपन में उसने ये महलनुमा हवेली बनाने का फ़ैसला किया था. इस हवेली की ऊंचाई जैसे-जैसे बढ़ती गई, ग्रामीणों ने प्रशासन से इसकी शिक़ायतें करनी शुरू कर दी. परिणामस्वरूप प्रशासन ने इसका निर्माणकार्य रोक दिया था. पिछले 5 सालों से ये इमारत इसी हालत में है. इसके आसपास रहने वाले लोग आंधी और तूफ़ान आने पर अपना घर छोड़कर दूसरी जगह चले जाते हैं.

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बता दें कि आज भी देश के ग्रामीण इलाक़ों में गगनचुंबी इमारत बनाने की परमिशन नहीं है. बावजूद इसके सियाराम पटेल बिना प्रशासन की मंजूरी के 14 मंज़िला इमारत बना डाली. लेकिन हैरानी की बात ये है कि सियाराम ने बिल्डिंग को बिना नक़्शा पास कराये ही बना दी.

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