Process of a New Country Formation: दुनियाभर में क़रीब 200 से अधिक देश हैं. इनमें से कुछ पुराने तो कुछ नए हैं. लेकिन नये देश बनने की प्रक्रिया इतनी भी सरल नहीं है. अगर कोई स्वतंत्र क्षेत्र ख़ुद को स्वतंत्र देश घोषित करती है तो इसे दुनिया के बाकी देश आसानी से मान्यता नहीं देते. वर्तमान में दुनिया का सबसे नया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त देश दक्षिण सूडान है, जिसने 9 जुलाई, 2011 को स्वतंत्रता की घोषणा की थी, बाद में ये संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का सबसे नया सदस्य बना. आख़िर नया देश अस्तित्व में कैसे आता है, इसके क्या मानक होते हैं.
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चलिए जानते हैं कैसे बनता है नया देश, क्या होती है इसकी प्रक्रिया. नए देश के बनने में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का क्या रोल होता है, क्या होती है इसकी क़ानूनी प्रक्रिया?
क्या है इसका इतिहास?
26 दिसंबर 1933 को उरुग्वे की राजधानी Montevideo में एक सम्मलेन हुआ था. इस सम्मेलन में किसी भी नये देश के बनने को लेकर कई मानक निर्धारित किये गये थे. इस दौरान मुख्य रूप से 4 शर्तों का ज़िक्र किया गया था, जिन्हें पूरा करने के बाद ही किसी नये देश को मान्यता दी जाएगी. इसके अलावा ‘मोंटेवीडियो सम्मेलन’ में ये भी तय किया गया था कि नये देश को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) से मान्यता लेना भी अनिवार्य होगा. मतलब ये कि संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की मान्यता के बिना हम उस जगह को नया देश नहीं मान सकते.
‘मोंटेवीडियो सम्मेलन’ की 4 शर्तें
नये देश की मान्यता के लिए किसी भी जगह पर एक स्थाई जनसंख्या का होना अनिवार्य है. इसका एक तय क्षेत्रफ़ल या ज्योग्रफ़िकल एरिया होना चाहिए. उस जगह पर कोई स्थाई सरकार या गवर्निग बॉडी होनी चाहिए. आख़िरी शर्त ये है कि इस क्षेत्र का दूसरे राष्ट्रों से संबंध होना चाहिए या ये जगह आईसोलेटेड नहीं होनी चाहिए. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की इन 4 शर्तों के आधार पर ही किसी क्षेत्र को देश की मान्यता मिलती है.
इसके बाद भी नये देश को कई अन्य परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है. इनमें से सबसे अहम दूसरे देशों से अच्छे संबंध बनाना है. अपनी स्वतंत्रता को क्लेम करने के लिए उसे दूसरे देशों के समक्ष ये भी साबित करना पड़ता है कि उसकी आंतरिक स्वतंत्रता पर किसी दूसरे देश का दखल नहीं है.
दुनिया के सबसे नये देश दक्षिण सूडान के संबंध में भी कुछ ऐसा ही हुआ. इसे अर्धस्वतंत्र देश का दर्ज़ा काफ़ी पहले ही दे दिया गया था. लेकिन अब सवाल ये था कि ये पूर्ण स्वतंत्र देश कैसे हो. इसलिए वोटिंग कराई गई, जो किसी भी नये देश के बनने की ज़रूरी प्रक्रिया है. ऐसे में जनवरी 2011 में वोटिंग हुई. इस दौरान क़रीब 99 फ़ीसदी मतदाताओं ने दक्षिण सूडान को अलग देश बनाने पर मोहर लगाई. इसके कुछ ही समय बाद दक्षिण सूडान ने ख़ुद को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया.
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में 5 परमानेंट मेंबर्स हैं. इनमें अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ़्रांस शामिल हैं. अगर इन 5 देशों में से किसी एक देश ने वोटिंग से इंकार कर दिया तो उस देश को मान्यता नहीं दी जाती है. इन पांचों की सहमति के बाद ही किसी देश को मान्यता मिलती है. संयुक्त राष्ट्र से मान्यता के बाद United Monetary Fund और World Bank जैसी संस्थाएं भी उस देश को अपना सदस्य बना लेती हैं.
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