मैं हमेशा सोचती थी कि ट्रेन स्टेशन के आउटर पर क्यों रुक जाती है? आज इसका जवाब भी मिल गया है

Rashi Sharma

जब भी मैं ट्रेन से सफ़र करती हूं, तो एक सवाल मेरे मन में हर बार आता है कि आख़िर स्टेशन पहुंचने से पहले ये ट्रेन आउटर पर रुक क्यों जाती है? गुस्सा भी आता है कि ये ड्राइवर हमारी ट्रेन को ही क्यों रोक देता है, जबकि बाकी ट्रेन्स तो आराम से जा रही होती हैं? कई बार तो ये समय 1-2 घंटों से भी ज़्यादा का हो जाता है? पर क्यों? क्या आपके मन में भी ये सवाल आया है? अगर हां, तो आज हम आपके लिए इसका जवाब भी लेकर आये हैं.

indiatvnews

कई बार ट्रेन के आउटर पर रुकने का समय इतना अधिक हो जाता है कि पैसेंजर्स के सब्र का बांध टूट जाता है और वो इसके लिए दृवार को दोषी मानते हैं और उससे ही बहस बाज़ी और झड़प करने लगते हैं. आपने भी कई बार इस स्थिति का सामना किया होगा और उस टाइम आपको यही लगता होगा कि ट्रेन को आउटर पर रोकने का ज़िम्मेदार ड्राइवर ही होता है. लेकिन ऐसा नहीं है, ट्रेन के आउटर पर रुकने की पहली वजह होती है सिग्नल क्लियर नहीं होना. यानि कि अगर ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल नहीं मिलेगा आगे बढ़ने के लिए, तो वो गाड़ी चला नहीं सकता.

trak

अब आते हैं मुद्दे पर कि आखिर ट्रेन को क्यों रोका जाता है आउटर पर

ये हम सभी जानते हैं कि इंडियन रेलवे का पूरे भारत में बहुत बड़े जाल के रूप में फैली हुई है, और ठीक इसी तरह भारत में ट्रेनों की संख्या भी बहुत ज़्यादा है, जिनमें कुछ ट्रेनें छोटी दूरी की और कम बोगियों वाली होती हैं, तो कुछ लम्बी दूरी और बहुत ज़्यादा बोगियों वाली होती हैं. और इसलिए लम्बी दूरी और ज़्यादा बोगियों वाली ट्रेनों के कुछ निश्चित स्टेशन और प्लेटफ़ॉर्म होते हैं. यहां प्लेटफ़ॉर्म इसलिए निश्चित होते हैं, क्योंकि हर प्लेटफॉर्म की लम्बाई एक सी नहीं होती है. कोई प्लेटफ़ॉर्म छोटा तो कोई बड़ा होता है.

thehindu

इसलिए ट्रैक की कमी और ट्रेनों की बढ़ती संख्याओं की वजह से ज़्यादातर ट्रेन्स अपने निर्धारित समय से देरी से होने गंतव्य स्टेशन तक पहुंचती हैं. उदाहरण के लिए अगर दो ट्रेनों का प्लेटफ़ॉर्म एक ही है और टाइम भी आस-पास का ही है. लेकिन अब दोनों ट्रेन तो एक ही समय पर एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर नहीं पहुंच सकती, इसलिए जो ड्रेट देरी से चल रही होती हैं, उसको आउटर पर रोक दिया जाता है. इसके अलावा वीआईपी ट्रेनों को पहले प्लेटफ़ॉर्म पर पहुंचने के लिए ट्रैक दिया जाता है.

इसके अलावा कई बार तक़नीकी खराबी की वजह से भी ट्रेनों को आउटर पर रोक दिया जाता है.

तो अब आपको समझ आ गया न कि ट्रेनों को आउटर पर रोकने की क्या वजह होती है और इसके लिए ड्राइवर ज़िम्मेदार नहीं होता.

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं