प्रेरणादायक है बिहार की बबली की कहानी, घर-बच्चे की ज़िम्मेदारी के साथ BPSC क्रैक कर बनीं DSP

Nripendra

Bihar Police Lady Constable Babli Become DSP in Hindi: किसी ने बहुत सही बात कही है, “कभी हार मत मानो, आज कठिन है, कल और बदतर होगा, लेकिन कल के बाद का दिन ज़रूर सुनहरा होगा.” 

इस दुनिया में आपको दो तरह के लोग मिलेंगे, एक वो जो ज़िम्मेदारियों तले अपने सपनों का गला घोंट देते हैं और दूसरे वो जो अपनी ज़िम्मेदारियों के साथ कुछ बड़ा कर जाते हैं. बिहार की बबली देवी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. पति, घर व बच्चे की बड़ी ज़िम्मेदारियों के साथ उन्होंने अपने कदम पीछे नहीं हटाए और पहले कांस्टेबल और फिर BPSC की परीक्षा पास कर DSP बन गई हैं. बबली की कहानी (Success Story of DSP Babli Devi in Hindi) किसी प्रेरणा से कम नहीं है.  

आइये, इस ख़ास लेख में जानते हैं बिहार की बबली देवी (Bihar Police Lady Constable Babli Become DSP in Hindi) की सफलता की कहानी, जानते हैं कैसे तय किया उन्होंने DSP बनने तक का सफ़र. 

कमज़ोर आर्थिक स्थिति की वजह से करनी पड़ी नौकरी

Image Source: news18

Bihar Police Lady Constable Babli Become DSP in Hindi: बिहार की बबली देवी की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है. बबली देवी बिहार के बेगुसराय की रहने वाली हैं. एक बड़ा परिवार और घर की कमज़ोर आर्थिक स्थिति की वजह से बबली को जल्द एक नौकरी चाहिए थी. पिता की 5 संतानों में सबसे बड़ी बबली ने सपने ऊंचे देखे थे, लेकिन घर की ज़िम्मेदारी की वजह से उन्हें जल्द नौकरी करनी पड़ी. 

साल 2015 में उन्होंने एक कॉन्स्टेबल (Success Story of DSP Babli Devi in Hindi) के रूप में अपनी नौकरी का सफ़र तय किया, लेकिन आगे बढ़ने का सपना हमेशा दिमाग़ में रहता था. नौकरी करते-करते ही उनकी शादी भी हो गई. 

शुरुआत में नहीं मिली सफलता

Image Source: zeenews

Success Story of DSP Babli Devi in Hindi: शादी के बाद उन्हें एक बच्चा हुआ और ज़िम्मेदारी और बढ़ गईं. घर की ज़िम्मेदारियों के बीच बबली ने BPSC यानी बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की तैयारी शुरू कर दी. लेकिन, सफ़लता पहले प्रयास में हाथ नहीं लगी. दो बार प्रारंभिक परिक्षा में पास हुईं, लेकिन मेंस रह गया. 

ये भी पढ़ें: सलमा बेग: भारत की पहली ‘गेटवुमेन’ जिन्हें लोगों के ताने मिले लेकिन उन्होंने सुनी सिर्फ़ अपने दिल की

तैयारी के लिए छुट्टी लेकर पटना आईं 

Image Source: aajtak

Bihar Lady Constable Babli Become DSP in Hindi: बबली को महसूस हुआ कि इसके लिए और तैयारी और समय की ज़रूरत है. इसलिए, बबली ने कुछ दिनों की छुट्टी ली और पटना में बीपीएससी की तैयारी में लग गईं. फिर क्या था, बबली ने अपना सपना पूरा कर लिया. उन्होंने बीपीएससी की परिक्षा क्रैक कर ली. बबली डीएसपी बन चुकी हैं. उन्हें 66वीं बीपीएससी परीक्षा में चुना गया है. इसमें उन्होंने 208वीं रैंक हासिल की है. 

बबली देवी कहती हैं कि, “अगर आपकी बेटी या बहू पढ़ना चाहती हैं, तो उन्हें पढ़ाएं”. वहीं, छात्रों के लिए बबली देवी कहती हैं कि, “मां-बाप आपकी पढ़ाई के लिए पैसे दे रहे हैं, तो आप उनका सदुपयोग करें और उन्हें अच्छा रिज़ल्ट दें.”

Success Story of DSP Babli Devi in Hindi: बिहार की बबली की सफलता की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो कमज़ोरी आर्थिक स्थिति के चलते अपने सपनों के पंख कुतर डालते हैं. ये आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें कॉमेंट में बताना न भूलें. 

ये भी पढ़ें: Success Story: 15 साल की उम्र में शादी, आंगन में ठेला लगाकर बेचे प्रोडक्ट, फिर बनीं द शहनाज़ हुसैन

आपको ये भी पसंद आएगा
IAS ऑफ़िसर, पूर्णा सुदंरी जिसने आंखों की रौशनी खोने के बाद भी अपना सपना पूरा करने की ठानी और सफल हुई
आयशा ख़ान: पति ने छोड़ा, बच्चों की ज़िम्मेदारी ली, पर हारी नहीं और झारखंड की ADJ बन कायम की मिसाल
मिलिए महज़ 22 साल की उम्र में IAS ऑफ़िसर बनने वाली निडर और दबंग स्वाति मीणा से
दुर्गाबाई व्योम की कहानी है इंस्पायरिंग, झाड़ू-पोछा करने से लेकर पद्म श्री तक ऐसा रहा सफ़र
लोगों के ताने सुने पर हारी नहीं, मिलिए सीता देवी से जिसने ‘इलेक्ट्रीशियन देवी’ बन अपना घर संभाला
बर्तन धोए, 20 सालों तक घरों पर किया काम, कड़ी मेहनत से महिला ने परिवार के लिए खरीदा घर