ये तो शक़ की इन्तेहां ही हो गई कि काट डाले अपनी पत्नी के दोनों कान

Rashi Sharma

शक़ एक ऐसी लाइलाज बीमारी है, जो अगर किसी को लग जाए तो उसे ठीक नहीं किया जा सकता. ऐसा ही एक मामला सामने आया है अफ़ग़ानिस्तान से, जहां पति ने शक़ के चलते अपनी सोती हुई पत्नी के दोनों कान काट डाले.

अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत बल्ख में रहने वाली 23 वर्षीय इस महिला का नाम ज़रीना है और इस समय वो अस्पताल में भर्ती है. ज़रीना की देखभाल कर रहे अस्पताल के प्रमुख नूर मोहम्मद फैज ने बीते गुरूवार को ज़रीना के साथ हुई घरेलू हिंसा की इस बर्बरता की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि महिला के पति ने उस पर दूसरे पुरुष के साथ बात करने का आरोप लगाते हुए उसके दोनों कान काट दिए थे.

फैज ने बाताया कि ज़रीना को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया. जब उसको यहां लाया गया था तब तक उसका काफी खून बह चुका था. इसके साथ ही वो कहते हैं कि ज़रीना के पति ने उसके दोनों कान काट दिए थे. हम उसका इलाज करने की पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन अगर कुछ कमी रही तो हम उसे इलाज के लिए विदेश भी ले जाएंगे.

वहीं बल्ख के गवर्नर के प्रवक्ता शेर जान दुर्रानी ने कहा कि घटना के बाद से ही ज़रीना का पति फरार है. हमने उसकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है.

ज़रीना का कहना है, ‘मैंने कोई पाप नहीं किया, पर पता नहीं क्यों मेरे पति ने मेरे साथ ऐसा किया.’

ज़रीना ने बताया कि उसके पति ने कोशिश की कि वो आपने मां बाप से ना मिल सके. ज़रीना कहती हैं कि वो अब अपने पति के साथ शादी को जारी नहीं रखना चाहती है और उनको पति से तलाक़ चाहिए.

ज़रीना आगे कहती हैं, ‘मेरा पति मुझ पर बहुत शक़ करता है और जब मैं अपने माता-पिता से मिलने गई, तो उसने मुझ पर अजनबी लोगों के साथ बात करने का आरोप लगाया.’ ज़रीना चाहती हैं कि उसके पति को गिरफ़्तार कर मुकदमा चलाया जाए.’

गौरतलब है कि भले ही अफ़ग़ानिस्तान को 15 साल पहले ही तालिबानी शासन से आज़ादी मिल गई थी, लेकिन 15 सालों बाद आज भी वहां महिलाओं की स्थिति दयनीय है. वहां पर महिलाओं के प्रति होने वाली घरेलू हिंसा और अत्याचार थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. क्यों वहां के लोग इन महिलाओं को चैन से जीने और बढ़ते हुए नहीं देख सकते?

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