और कितना भेदभाव करोगे? अपनी ही शादी में घोड़ी चढ़ी ये दुल्हन समाज से कुछ कह रही है

J P Gupta

‘बेटियों को समान अधिकार मिलने चाहिये, वो भी किसी बेटे से कम नहीं हैं.’ ये बात आपने अपने आस-पास किसी न किसी से ज़रूर सुनी होगी. वहीं जब इस पर अमल करने की बात आती है, तो तकरीबन सभी बगलें झांकते नज़र आते हैं. ऐसे लोगों को राजस्थान के खीचड़ परिवार से सीख लेनी चाहिये, जिन्होंने अपनी बेटी को शादी से पहले दूल्हे की तरह घुड़चढ़ी की रस्म कर समाज को Gender Inequality को ख़त्म करने का संदेश दिया.

ये पूरा वाकया राजस्थान के नवलगढ़ का है, जहां घोड़ी पर दूल्हे के लिबास में दुल्हन बनौरी नामक रिवाज़ को पूरा करती नज़र आई. ऐसा कर ये फ़ैमिली समाज को ये संदेश देना चाहती है कि बेटी और बेटी में भेदभाव न करें.

दूल्हा बनी इस दुल्हन का नाम नेहा खीचड़ है. आईआईटी ग्रेजुएट नेहा इंडियन ऑयल की मथुरा रिफ़ाइनरी में अधिकारी हैं. नेहा का कहना है कि उनके परिवार ने कभी भी बेटे और बेटियों में भेदभाव नहीं किया.

‘हमारे गांव से किसी लड़की को कोटा पढ़ने के लिये नहीं भेजा गया था, लेकिन मेरे पापा ने मुझे न सिर्फ़ वहां भेजा, बल्कि अपने सपने को पूरा करने का हौसला भी दिया. बनौरी की ये रस्म कर हम ये संदेश देना चाहते हैं कि महिलाओं को भी समान अधिकार दिये जाएं और लड़के और लड़की में भेदभाव अब बंद होना चाहिये. बेटियों को भी आगे बढ़ने के उतने मौके दें जितने वो बेटों को देते हैं.’

खैर, खीचड़ परिवार ने Gender Inequality को ख़त्म करने के लिये एक नई पहल कर दी है. यहां देखें वीडियो-

Source: ANI

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