Daughter Helping Her Mother Get Married: भारत में तलाक या पत्नी के गुज़र जाने के बाद पुरुषों की दूसरी शादी आम बात है. समाज में इसे लेकर इतना बखेड़ा खड़ा नहीं होता, लेकिन जब बात महिलाओं की दूसरी शादी की होती है तो लोग उन्हें बुरी नज़रों से देखने लगते हैं. समाज से उन्हें ताने सुनने पड़ते हैं. ये भी समाज का एक नज़रिया है. हालांकि, इसी समाज में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इस रूढ़िवादी सोच से काफ़ी आगे निकल चुके हैं. उन्हें इन बातों से कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि शादी से पहले उनकी पत्नी का किससे अफ़ेयर था या वो कितनी बार शादी कर चुकी हैं. वो सिर्फ़ इंसानियत में विश्वास रखते हैं. प्रोग्रेसिव समाज के लिए यही सोच बेहतर भी है. इसी तरह की प्रोग्रेसिव सोच रखने वाली एक बेटी ने सबका दिल जीत लिया है.
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दरअसल, माता-पिता ज़िंदगी भर अपने बच्चों की सफलता, उनकी ख़ुशियों और शादी के सपने देखते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी बेटी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपनी मां की ज़िंदगी के ख़ालीपन को महसूस करते हुए उनकी दूसरी शादी करने का फ़ैसला किया है. मां की ख़ुशियों के लिए एक ऐसे शख़्स की तलाश की जिसके साथ उनकी मां अपनी आगे की ज़िंदगी बिता सके.
Humans Of Bombay द्वारा साझा की गई ये कहानी है देब आरती रिया चक्रवर्ती और उनकी मां मौसमी चक्रवर्ती की. दरअसल, पति के निधन के बाद रिया की मां ने एक लंबे समय तक ज़िंदगी अकेलेपन में बिताई. बेटी का साथ ज़रूर था, लेकिन ज़िंदगी में एक अज़ीब सा ख़ालीपन भी था.
रिया चक्रवर्ती ने बताया कि, ‘पापा के जाने के बाद मां नानी के घर चली आईं और मैं भी वहीं पली-बढ़ी. तब मैं सिर्फ़ 2 साल की थी और मां 25 साल की. सभी लोग मां से कहते थे, ‘तुम्हें दूसरी शादी कर लेनी चाहिए’, लेकिन वो हमेशा कहती रही कि, ‘मुझे तो प्यार मिल जाएगा, लेकिन मेरी बेटी को पिता नहीं मिल पायेगा’. उन्होंने अपना पूरा जीवन मुझे पालने के लिए समर्पित कर दिया’.
रिया आगे बताती हैं, पिछले साल एक शाम मुझे मेरी चाची का फ़ोन आया और उन्होंने बताया कि, ‘एक लड़का है जो तुम्हारी मां को पसंद करता है’. मां को फिर से प्यार पाने की बात जानकार मैं बेहद उत्साहित हो गई. इस दौरान मुझे एहसास हुआ कि मां को एक साथी और मुझे पिता मिल गया है. मां अब पहले से ज़्यादा ख़ुश थीं और यही मेरी सबसे बड़ी ख़ुशी थी.
दरअसल, मेरी मां ने मुझे बड़े संघर्षों से पाला है. वो टीचर की नौकरी करती हैं और उन्होंने मुझे वो सब कुछ दिया जो वो कर सकती थीं. इसलिए जब मैं बड़ी हुई, तो मैंने फ़ैसला किया कि अब उनकी देखभाल करने की बारी मेरी है. मुझसे जो हो सकेगा मैं उनकी ख़ुशियों के लिए वो करूंगी. जब मेरे पास उनकी दूसरी शादी कराने का मौका आया तो मैं इससे पीछे हटने वाली नहीं थी.
मैं जब मां से मिलने गई तो उन्होंने मुझे बताया कि वो एक म्यूज़िक ऐप से जुड़ी हैं और स्वपन नाम के शख़्स से उनकी मुलाक़ात वहीं हुई. वो उनकी सिंगिंग की फ़ैन थी. इसलिए मां और स्वपन दोस्त बन गये. मैं समझ गई कि मां उनसे बात करना तो पसंद करती हैं, लेकिन अपने प्यार का इज़हार करने से हिचकिचा रही हैं. ऐसे में मैंने बेहद प्यार से उन्हें समझाया कि अभी काफ़ी ज़िंदगी बाक़ी है ऐसे में आप उन्हें एक मौका दें.
आख़िरकार अक्टूबर 2021 में मां ने कहा, ‘वो स्वपन को पसंद करती हैं. ये सुनकर मैं बेहद ख़ुश थी और घबराई भी. लेकिन जब मैंने स्वपन से बात की, तो मेरी सारी घबराहट गायब हो गया. इस दौरान जब उन्होंने कहा कि, ‘वो मेरी मां को ख़ुश रखेंगे तो मेरे मन को एक सुकून सा मिला‘.
इसके बाद दोनों परिवारों ने मिलने का फ़ैसला किया और मिलने के बाद शादी की तैयारियां शुरू हो गईं. मां एक सिंपल सी शादी चाहती थीं, लेकिन मैं पूरी कोशिश कर रही थी शादी मेरी मर्ज़ी की हो. इसलिए मैं उनकी शादी की शॉपिंग के लिए गुवाहाटी चली गई और सुनिश्चित किया कि सभी रस्में अच्छे से निभाई जाएं. मुझे याद है अपनी शादी के दिन मां बेहद घबराई हुई थीं. उसे लाल साड़ी पहनने में भी शर्मिंदगी महसूस हो रही थी, लेकिन मैं बेहद ख़ुश थी.
”आख़िरकार मां जब तैयार होकर दुल्हन के लिबाज़ में नज़र आईं तो मैं अपनी आंखें उनसे हटा ही नहीं पायी. मां की ख़ुशियों को किसी की नज़र न लगे, इसलिए मैंने उसके कान के पीछे एक छोटा सा टीका लगाया और हम एक दूसरे के गले लगकर रो पड़े. सारी रस्में पूरी होने के बाद स्वपन मेरे पास आए और बोले ‘तुम हमेशा मौसमी की प्राथमिकता रहोगी’. हम मुस्कुराए और एक-दूसरे के गले लग गए”.
मां की शादी को आज 9 महीने हो चुके हैं और अब जब भी मैं मां से फ़ोन पर बात करती हूं तो उनकी आवाज़ से मुझे वो बेहद ख़ुश सुनाई देती हैं. 3 महीने पहले हम सब शिलांग गए थे और सड़कों पर घूम रहे थे, खा रहे थे, शॉपिंग कर रहे थे, तो मुझे एहसास हुआ कि मां को एक सच्चा साथी मिल गया और मुझे एक पिता. मां अब पहले से कहीं ज़्यादा ख़ुश हैं. ये देखकर मुझे बेहद ख़ुशी होती है. वो परिवार जिसके लिए हम हमेशा तरसते रहे. आख़िरकार वो हमें मिल ही गया है.
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