प्रेरणादायक: 40 साल से जहां करती आ रही थी साफ-सफाई, अब उसी शहर की डिप्टी मेयर बनीं चिंता देवी

Nikita Panwar

Manual Scavenger Chinta Devi Inspiring Story: महिलाएं किसी भी परिस्थिति को बदलने में सक्षम होती हैं. चाहे वो समाज को संभालना हो या फिर घर. दोनों काम करना वो बख़ूबी जानती हैं. ऐसा ही एक ख़ूबसूरत उदाहरण बिहार के गया में देखा गया. जहां 40 वर्ष से नगर निगम की सफाई करने वाली चिंता देवी अब गया की डिप्टी मेयर बन गईं हैं. इसके बाद चिंता देवी की चर्चा जमकर हो रही है. चलिए इसी क्रम में इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको चिंता देवी की प्रेरणादायक कहानी के बारे में विस्तार से बताएंगे.

ये भी पढ़ें- Success Story: Math में Gold Medal हासिल करने वाली शमा की कहानी, जो एक आंख से देख भी नहीं सकती

चलिए विस्तार से जानते हैं Chinta Devi ने कैसे इस बुलंदी को हासिल किया-

50417 वोट के सीट जीत हासिल की थी

indiatimes

हालही में गया नगर निगम के नतीजे सामने आए हैं. जिसमे चिंता देवी डिप्टी मेयर के रूप में सामने आईं हैं. साथ ही सिर्फ चिंता ही नहीं बल्कि ये विजय उन सारी महिलाओं के लिए है, जो जीवन में कुछ कर दिखाना चाहती हैं. बता दें कि चिंता के अलावा डिप्टी मेयर के लिए 10 और उम्मीदवार थे. लेकिन उन सभी उम्मीदवारों को हारकर और भारी मतों के साथ चिंता ये चुनाव जीत गईं.

40 सालों तक नगर निगम में काम किया है

indiatimes

बता दें, चिंता देवी ने कुल 40 सालों तक नगर निगम में सफाई कर्मचारी का काम किया था. उन्होंने वहां कचरा उठाने से लेकर झाडू लगाने तक का काम किया है. इस बार चुनाव में डिप्टी मेयर का पद आरक्षित होने के कारण चिंता देवी को मौका मिला. साथ ही उनके साथ काम करने करने वाले अन्य सफाई कर्मियों ने ही नहीं बल्कि शहर के लोगों ने भी उनका खूब साथ दिया.

मेयर गणेश पासवान ने बोली कमाल की बात-

indiatimes

“गया एक ऐसी जगह है जहां लोग ज्ञान की तलाश करते हैं और ये वो जगह भी है जहां से एक मुसहर महिला लोकसभा में जा सकती है. इस बार यहां के लोगों ने चिंता देवी को चुनकर शायद पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल कायम की है. जब यहां कुछ ही शौचालय हुआ करते थे, तब चिंता देवी एक सफाई कर्मचारी के रूप में अपने सिर पर मानव मल ढोती थी. ये ऐतिहासिक है.”

वाह! ये ऐतिहासिक पल सिर्फ़ चिंता देवी के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए है!

आपको ये भी पसंद आएगा
पिता बनाते हैं पंक्चर, मां ने सिलाई कर पढ़ाया… बेटे ने जज बन कर किया मां-बाप का नाम रौशन
पत्थर तोड़ने वाले मज़दूर ने निकाला UPSC एग्ज़ाम, आपको भी प्रेरित करेगी राम भजन की कहानी
मां बेचती थी चाय, पिता गार्ड, बेटे ने ISRO साइंटिस्ट बन Chandrayaan 3 मिशन में निभाई अहम भूमिका
IAS K Jaiganesh: कहानी उस वेटर की, जो 6 बार असफल हुआ पर हिम्मत नहीं हारी और पास की UPSC परीक्षा
बेमिसाल पत्नी! पहले गहने बेचकर पति को बनाया टीचर, फिर ख़ुद भी मेहनत से हासिल की सरकारी नौकरी
दिहाड़ी मज़दूरी करने वाली महिला ने पूरी की PhD, मिसाल है भारती के संघर्ष की कहानी