Success Story: पिता की थी Grocery की छोटी सी दुकान, बेटी IAS बनकर लोगों के लिए बन गई मिसाल

Nikita Panwar

Grocery Shopkeeper Shweta Agarwal Cracked UPSC Thrice: जब भी ग़रीब परिवार का कोई बच्चा किसी बड़े पद पहुंचता है तो, वो लाखों अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा बन जाता है. क्योंकि वो बच्चे हमें ये सीख देते हैं कि किसी बड़े पद पर पहुंचने के लिए आपको अमीर होने के की ज़रूरत नहीं है. बस एक कलम और किताब से आप अपनी क़िस्मत बदल सकते हैं. ऐसा ही कुछ ग्रोसरी की दुकान चलाने वाले की बेटी ने कर दिखाया. श्वेता अग्रवाल ने 2015 में UPSC की सिविल सर्विसेज़ की परीक्षा पास की थी. उस परीक्षा में श्वेता की 19वीं रैंक आई. लेकिन उनके लिए UPSC क्लियर करने का सफ़र आसान नहीं था.

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चलिए श्वेता अग्रवाल (Shweta Agarwal) की Success Story के बारे में विस्तार से जानते हैं-

श्वेता अग्रवाल एक मारवाड़ी परिवार से आती हैं और वो मूल निवासी बंगाल की हैं. लेकिन रूढ़िवादी परिवार में रहकर श्वेता को 8 साल की छोटी उम्र में ही पता चल गया था कि केवल पढ़ाई से ही वो अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मज़बूत कर सकती हैं. इसके बाद अपने माता-पिता के आशीर्वाद से श्वेता ने UPSC की परीक्षा को 3 बार पास किया और साल 2015 में वो IAS ऑफ़िसर बन गईं.

पिता किराने (Grocery) की दुकान चलाते हैं

साल 2015 में 19वीं रैंक लाने वाली श्वेता अग्रवाल ने अपनी ज़िंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव देखें हैं. लेकिन उन्होंने इन समस्याओं को कभी अपनी पढ़ाई के आगे नहीं आने दिया. श्वेता के परिवार में कुल 28 लोग रहते हैं और उनके पिता एक ग्रोसरी की दुकान में काम करते थे. लेकिन अपनी बेटी की अच्छी तालीम के लिए श्वेता के पिता ने इधर-उधर से पैसों के इंतज़ाम करके उसे अच्छी तालीम दी.

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Deloitte जैसी बड़ी कंपनी को छोड़ दिया था

कहते हैं कि अगर आपकी नज़र अपने सपने पर है, तो कोई उसके आड़े नहीं आ सकता. ग्रेजुएशन ख़त्म करने के बाद ही श्वेता की नौकरी Deloitte कंपनी में लग गई थी. लेकिन अपने सपने को पूरा करने के लिए श्वेता ने कंपनी छोड़ दी और कोचिंग में दाख़िला ले लिया.

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श्वेता ने 2 बार UPSC की परीक्षा पास की

श्वेता ने अपना पहला प्रयास 2011 में किया था. लेकिन उस दौरान परीक्षा में बैठने के लिए उन्हें उनके माता-पिता ने कहा था. श्वेता को पता था की वो पास नहीं हो पाएंगी. लेकिन वो ये भी जानती थीं कि अगर उन्होंने मन लगाकर पढ़ाई की, तो वो पक्का अच्छे अंक ला सकती हैं. साल 2013 में उन्होंने एक बार और प्रयास किया और उनकी 497वीं रैंक आई. जिसके लिए वो IRS (Indian Revenue Service) में सेलेक्ट हुई. इस नौकरी से वो ख़ुश तो बहुत थीं. लेकिन तृप्त नहीं थीं.

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श्वेता अग्रवाल ने साल 2014 में IAS बनने का सपना लेकर एक बार फ़िर UPSC की परीक्षा दी और उनकी 141वीं रैंक आई और IPS में सेलेक्ट हुईं. इतने से नाम नहीं माना तो साल 2015 में आख़िरी बार प्रयास में 19वीं रैंक लेकर आई और उनका IAS बनने का सपना पूरा हो गया.

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